समाजिक दूरी के साथ दर्शकों को अनुमति देने के पक्ष में ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान
मैनचेस्टर
इंग्लैंड का ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट मैदान कोरोना वायरस महामारी को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के बाद खेल शुरू होने पर प्रशंसकों को स्टेडियम में लाने की योजना बना रहा है। लंकाशर क्रिकेट क्लब के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेनियल गिडने का मानना है कि 26,000 दर्शकों की क्षमता वाले इस स्टेडियम में कम से कम 2000 दर्शकों को आने की अनुमति दी जा सकती है।
इंग्लैंड में बड़े पैमाने पर सभा करने रोक है। साथ ही सरकार ने अभी खेल और प्रशिक्षण सुविधा को खोलने पर भी रोक लगा रखा है।गिडने ने एपी से कहा, ''मुझे उम्मीद है कि हम अगस्त के आखिरी या सितंबर में दर्शकों के बिना घरेलू क्रिकेट शुरू कर सकते है। हम सीमित प्रशंसकों के साथ भी ऐसा कर सकते है।''
उन्होंने कहा, ''कई बार आप नकारात्मक हो जाते हैं, लेकिन जब मैं ऐसी बातें कर रहा हूं तो मैं सकारात्मक हूं। मैं ऐसी बात नहीं कर रहा हूं जो सुरक्षा के लिहाज से संभव ना हो।'' बता दें कि इंग्लैंड के क्रिकेट खिलाड़ी जल्दी ही अपनी निजी ट्रेनिंग शुरू कर देंगे। कोविड-19 के कारण क्रिकेट गतिविधयां रुकी हुई हैं और अब धीरे-धीरे चीजें पटरी पर लौटने की उम्मीद है। इंग्लैंड क्रिकेट के डायरेक्टर एश्ले जाइल्स का मानना है कि यह क्रिकेट की वापसी के लिए उठाया गया शुरुआती कदम है।
वहीं, इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) कोविड-19 महामारी के बावजूद क्रिकेट की सुरक्षित बहाली सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा था कि कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाया गया लॉकडाउन कम से कम एक जून तक बरकरार रहेगा। ईसीबी ने अपने सभी तरह के पेशेवर क्रिकेट मैच एक जुलाई तक निलंबित कर रखे हैं।
ईसीबी ने बयान में कहा था, ''खेलों को फिर से कब और कैसे सुरक्षित तरीके से शुरू किया जा सकता है, इसको लेकर हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हें। हम आगे अपनी योजनाओं को साझा करने के लिए तैयार हैं।'' इसमें कहा गया है, ''ईसीबी इस संकट के अगले चरणों को लेकर सरकार की घोषणा से अवगत है और हम आगे भी उनकी सलाह पर चलते रहेंगे।
मार्च के बाद से इंग्लैंड में सभी तरह की क्रिकेट गतिविधियां बंद हैं। ईसीबी ने कहा है कि सभी की तरह पेशेवर क्रिकेट 1 जुलाई तक निलंबित रहेगा। क्रिकेटर्स भी लॉकडाउन के दौरान अच्छे से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में ट्रेनिंग शुरू करने से उन्हें भी राहत मिलेगी। ट्रेनिंग के दौरान क्रिकेटरों की सेफ्टी का पूरा ध्यान रखा जाएगा।