संतोष के सहारे बीजेपी पर वैचारिक पकड़ मजबूत करना चाहता है आरएसएस?

नई दिल्ली
 तमिलनाडु उन चुनिंदा राज्यों में से एक है, जहां लोकसभा चुनाव में मोदी लहर नहीं दिखी थी। सत्ताधारी दल अब यहां भी अपनी स्थिति मजबूत करने की योजना बना रही है। बीजेपी के नए संगठन सचिव बी एल संतोष बजट आने के एक दिन बाद यानी 6 जुलाई को पार्टी कार्यकर्ताओं के अंदर जोश भरने के लिए चेन्नै गए थे। उन्होंने बीजेपी यूनिट के लगभग हरेक सदस्य से पूछा था कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की घोषणाओं को सही तरीके से राज्य में क्यों नहीं फैलाया जा रहा है?

बीजेपी में राजनीतिक प्रभुत्व बढ़ाने पर जोर
बीजेपी के एक युवा नेता ने संतोष की कार्यशैली बताते हुए कहा कि उनकी हर सूचना पर नजर रहती है। युवा नेता ने बताया, 'संतोष ने मीटिंग में कहा कि हमारी सोशल मीडिया टीम ने भी बजट के दिन तमिलनाडु में पर्याप्त काम नहीं किया था। उनकी बात बिल्कुल सही थी।' राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, आरएसएस रामलाल की जगह परंपरागत संघ प्रचारक, टेक्नॉलजी में दिलचस्पी रखने वाले और विचारधारा से जुड़े संतोष को संगठन सचिव बनवाकर पार्टी में वैचारिक पकड़ और नैतिक प्रभाव बढ़ाना चाहता है। वह बीजेपी में राजनीतिक प्रभुत्व की अपनी भूमिका को बड़ा करना चाहता है।

प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं पर होती है नजर
संतोष को करीब से जानने वालों का कहना है कि वह युवाओं से बड़ी आसानी से घुलमिल जाते हैं। प्रतिबद्ध कार्यकर्ताओं और लेखकों को पहचानना भी उनकी खूबी है। बीजेपी के एक सदस्य ने बताया, 'संतोष पार्टी के शायद इकलौते शख्स हैं, जो यह समझते हैं कि टेक्नॉलजी वोटरों के साथ-साथ पार्टी कार्यकर्ताओं की जिंदगी को भी प्रभावित करती है।' बीजेपी नेता बताते हैं कि संतोष ने ही केरल में 13 दिवसीय जन रक्षा यात्रा आयोजित करवाई थी। इसमें अमित शाह और पार्टी के शीर्ष नेताओं सहित पूरा कैबिनेट शामिल हुआ था। बीजेपी ने इस यात्रा के जरिए सीपीएम कार्यकर्ताओं के हाथों संघ परिवार के कार्यकर्ताओं की कथित हत्याओं की निंदा की थी।

अमित शाह की कार्यशैली
जब संतोष कर्नाटक संगठन के सचिव थे और बीजेपी ने बी एस येदियुरप्पा की अगुवाई में सरकार बनाई थी, तब येदियुरप्पा बहुमत साबित करने के लिए कई हथकंडे अपना रहे थे। संतोष ने उस वक्त उनका विरोध करते हुए कहा था कि इससे संगठन और कार्यकर्ताओं को परेशानी हो रही है। बीजेपी के एक नेता ने बताया, 'जब ब्लॉकबस्टर तमिल फिल्म मर्सल एंटी-बीजेपी कॉन्टेंट के साथ पार्टी के खिलाफ माहौल बना रही थी तो उन्होंने सभी से बात करके इस मुद्दे को उठाने में हमारी मदद की थी। उनमें गलत और सही के समझने की अद्भुत क्षमता है।' नेता ने कहा कि रामलाल और संतोष अलग-अलग वक्त में पार्टी की जरूरत के हिसाब से काम कर रहे हैं। संतोष के काम करने के तरीकों से परिचित लोगों का कहना है कि उनकी कार्यशैली अमित शाह से काफी मिलती-जुलती है।

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