संघर्ष के दिनों में गुरूद्वारे में सो जाया करते थे रिषभ पंत

नयी दिल्ली
भारतीय टेस्ट टीम के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज़ रिषभ पंत क्रिकेटर बनने के अपने संघर्ष के दिनों में गुरूद्वारे में भी सो जाया करते थे। 21 वर्षीय पंत ने गुरूवार को यहां एक कार्यक्रम में यह खुलासा किया। पंत ने कहा कि मेरे पापा क्रिकेट खेला करते थे और वह भी चाहते थे कि उनका बेटा क्रिकेटर बने। मैं उत्तराखंड में जन्मा था और रूढ़की में पढ़ता था। उस समय जब मैं रूढ़की में खेला करता था तो मुझे सलाह दी गयी थी कि मुझे दिल्ली जाना चाहिये।

भारतीय टेस्ट टीम में जगह बना चुके और आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स टीम में 15 करोड़ रूपये के खिलाड़ी पंत ने कहा कि मैं रूढ़की से दिल्ली अभ्यास करने आता था। रात को दो बजे की बस पकड़कर मैं दिल्ली आता था ताकि मैं यहां अभ्यास कर सकूं। मैं करीब छह घंटे का सफर तय करता था। कभी मैं अपनी दीदी के घर चला जाता था तो कभी गुरूद्वारे में ही सो जाया करता था। उन्होंने कहा कि मैं दिल्ली से राजस्थान भी गया और फिर वापिस क्रिकेट खेलने के लिये दिल्ली आ गया। मैंने यहां तक पहुंचने के लिये एक लंबा सफर तय किया है। पंत भारतीय टेस्ट टीम का हिस्सा हैं और इससे पहले वह भारत ए टीम के साथ भी खेल चुके हैं। उत्तराखंड के हरिद्वार में जन्मे पंत ने अब तक 9 टेस्ट, 5 वनडे और 15 ट््वंटी 20 मैच खेले हैं। वह विश्वकप के लिये भारतीय टीम के तीन वैकल्पिक खिलाड़यिों में शामिल हैं।
 

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