शुरुआती रुझान में प्रज्ञा को मिली बड़ी लीड, जश्न का माहौल, जयश्री राम के नारे लगे
भोपाल
प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों पर आज सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो गई है। लेकिन सबकी निगाहें प्रदेश की सबसे हाईप्रोफाइल लोकसभा सीट भोपाल पर टिकी हुई है। यहां भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा ठाकुर का मुकाबला पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह से है। शुरुआती रुझानों में साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय सिंह से आगे चल रही है। उम्मीद की जा रही है कि देर शाम नतीजों की तस्वीर साफ हो सकती है।
बीजेपी प्रत्याशी को शुरुआत से मिल रही बढ़त के बाद प्रज्ञा ठाकुर के घर के बाहर जश्न का माहौल है। भोपाल सीट का मुकाबला रोचक और बीजेपी और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव रहा है| यहां पूरा चुनाव हिंदुत्व के मुद्दे पर लड़ा गया और शुरुआती तस्वीर प्रज्ञा ठाकुर के पक्ष में जाती दिख रही है। यही वजह थी कि 21 पहर के मौन व्रत के बाद साध्वी पहली बार सामने आईं तो उनके मुंह से जय श्रीराम का नारा निकला। इस सीट पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर 44 हजार से ज्यादा वोटों से आगे चल रही हैं। प्रज्ञा ने दोनों हाथ उठाकर समर्थकों का अभिवादन किया|
मतगणना शुरू होने से पहले साध्वी प्रज्ञा ने आज सुबह गुरुवार को अपना मौन और तपस्या खत्म की और अपने आवास पर भगवान सूर्य की पूजा की। साध्वी तीन दिन से मौन व्रत पर थी। थोड़ी देर में वे मतगणना स्थल पर पहुंचने वाली हैं। वही मतगणना स्थल पर निकलने से पहले दिग्विजय सिंह ने कहा कि मैं कई वर्षों से राजनीति में हूं। मेरे लिए चुनाव जीतना बहुत महत्वपूर्ण हैं। एग्जिट पोल बोगस है।
जातिगत समीकरण
भोपाल लोकसभा सीट के जातिगत समीकरण की बात करे तो यहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 5 लाख 30 हजार है। इसके अलावा ब्राम्हण, कायस्थ, आरक्षित वर्ग व क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या सात लाख से अधिक है। लेकिन यदि इन्हें अलग-अलग बांटा जाए तो ब्राम्हण 3 लाख 50 हजार, कायस्थ 2 लाख 25 हजार, एससी-एसटी से 2 लाख और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 1 लाख 25 हजार है। इस गणित के कारण यहां अल्पसंख्यक मतदाता निर्णायक भूमिका में माना जाता है।
बता दे कि यह सीट बीजेपी का गढ़ मानी जाती रही है। सालों से इस पर बीजेपी का कब्जा रहा है। साल 2014 के आम चुनाव में भी यहां बीजेपी प्रत्याशी आलोक संजर को जीत मिली थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को दुगुने से ज्यादा मतों से हराया था। इस बार भी मुकाबला रोचक हो गया है। दिग्विजय और साध्वी के आमने सामने होने से रोचकता बढ़ गई है। देशभर की निगाहें इस सीट पर टिकी हुई है।