शिक्षक की मांग को लेकर स्कूली बच्चों ने सरकार के खिलाफ लगाए मुर्दाबाद के नारे

गरियाबंद 
छत्तीसगढ़ में गरियाबंद जिले के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी कोई नई बात नहीं है. शिक्षकों की कमी को लेकर स्कूलों में आए दिन तालाबंदी की खबरें आम बात हो गई है. ऐसा ही एक मामला बीते सोमवार को सामने आया, जब मोटरापारा प्राथमिक शाला के करीब 24 बच्चे अपने पालकों के साथ 8 किलोमीटर पैदल चलकर बीईओ कार्यालय का घेराव करने देवभोग पहुंचे.

बच्चों और पालकों ने बताया कि उनके स्कूल में 6 महीने से कोई शिक्षक नहीं है. उनका कहना है कि स्कूल में जो शिक्षक पदस्थ हैं, वो पिछले 6 महीने से मेडिकल लीव पर हैं. विभाग ने उसके स्थान पर जिन दो शिक्षकों को अस्थायी तौर पर नियुक्त किया था, वे भी आज तक स्कूल नहीं आए. इस चलते बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. यही वजह थी कि बच्चों और पालकों ने स्कूल में शिक्षक की मांग को लेकर दिनभर बीईओ कार्यालय के सामने बैठे रहे और शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर मुर्दाबाज के नारेबाजी किए. फिलहाल, संबंधित विभाग द्वारा दूसरे शिक्षक को नियुक्त देने की बात पर पालक और बच्चे वापस गांव लौट गए.

मामले में देवभोग के बीईओ आईएन साहू ने कहा कि स्कूल में दो शिक्षकों की व्यवस्था की गई थी, लेकिन वे कभी स्कूल गए नहीं. लिहाजा, विभाग उन शिक्षकों के वेतन को रोकने की कार्रवाई करेगा. वहीं जो शिक्षक पहले से मोटरापारा प्राथमिक शाला में मेडिकल लीव पर थे, उनका मेडिकल समाप्त हो गया है. बावजूद उसके वे स्कूल नहीं आ रहे हैं. ऐसे में उनके लिए सस्पेंशन का प्रस्ताव बनाकर उच्च कार्यालय को भेज दिया गया है. बहरहाल, छात्रों और पालकों की मांग को गंभीरता से लेते हुए शाला में शिक्षक की व्यवस्था कर दी गई है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *