शहीदों के नाम कुमार विश्वास की भावुक कविता, सुन नहीं रोक पाएंगे आंसू

 नई दिल्ली 
 जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद देश गम में डूबा है। शहीद जवानों को राजकीय सम्मान के साथ आखिरी विदाई दी गई। ऐसे में आम आदमी पार्टी से अलग हुए नेता और कवि कुमार विश्वास ने भी हृदय को झकझोर देने वाली कविता सुनाई जिसे सुन सबकी आंखें भर आई। 
 
सोशल मीडिया पर कुमार विश्वास एक वीडियो काफी वायरल हो रही है जिसमें वह कह रहे हैं कि है नमन उनको कि जो यशकाय को अमरत्व देकर, इस जगत के शौर्य की जीवित कहानी हो गये हैं। है नमन उनको कि जिनके सामने बौना हिमालय, जो धरा पर गिर पड़े पर आसमानी हो गये हैं! पिता जिनके रक्त ने उज्जवल किया कुलवंश माथा, मां वही जो दूध से इस देश की रज तौल आई।बहन जिसने सावनों में हर लिया पतझर स्वयं ही, हाथ ना उलझें कलाई से जो राखी खोल लाई।बेटियां जो लोरियों में भी प्रभाती सुन रहीं थी, पिता तुम पर गर्व है चुपचाप जाकर बोल आये है। नमन उस देहरी को जहां तुम खेले कन्हैया, घर तुम्हारे परम तप की राजधानी हो गये हैं। 
 
बता दें कि सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमले के बाद कुमार विश्वास लगातार ट्वीट का पाकिस्तान के खिलाफ अपना रोष प्रकट कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने लिखा कि ग़ुस्सा, बेबसी और आंसू हावी हैं नींद पर। कैसी बीत रही होगी उन परिवारों पर ये रात? हर तरफ़ दुनिया सोई है पर मेरी नींद मर सी गई हैं! आंखों में किरचें चुभ रही हैं, हम ही शायद पागल हैं जो संवेदना को इतने गहरे ले बैठते हैं। कंठ में कोई गीला गोला सा अटक रहा है बार बार ईश्वर तू ही कुछ कर। 
 
एक अन्य ट्वीट में कुमार विश्वास ने लिखा कि सियासतदानों, मत बार-बार देश का “सब्र” खोदिए, अब इन कुत्तों की “कब्र” खोदिए..बस। पुलवामा के नापाक हमले में घायल जवानों की सेहत के लिए दुआ कीजिए! उनके परिवारों के साथ हर हाथ दुआ में है! आपके अपराजेय साहस को पूरा देश कृतज्ञ प्रणाम करता है। सीआरपीएफ सदा ही जय, भारतमाता की जय। 

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