शरद पवार ने बताया 2019 का गणित, कहा- इससे निकलेगा BJP की हार का फॉर्मूला

अहमदाबाद            
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने अहमदाबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि आज देश की जो स्थिति है, उसे देखते हुए अगले चुनाव के लिए एकसाथ मिलकर काम करने की कोशिश की जा रही है. इसकी रणनीति पर चर्चा शुरू है.

शरद पवार ने कहा कि साथ मिलकर चलने की शुरुआत तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कर दी है. महाराष्ट्र के बारे में उन्होंने कहा कि विपक्ष को एक प्लेटफॉर्म पर लाकर बीजेपी को हटाया जा सकता है. बीजेपी को हराने के लिए क्या किया जा सकता है, इसके बारे में एनसीपी प्रमुख ने कहा कि 'आंध्र प्रदेश में सबसे बड़ी पार्टी चंद्रबाबू नायडू की है, वहां कांग्रेस, एनसीपी मिलकर उनको विकल्प दे रही हैं. बाकी अन्य पार्टियां मिलकर उन्हें सहयोग देंगी. ठीक वैसे ही उत्तर प्रदेश में मायावती और अखिलेश यादव को सहयोग देंगे तो वहां बदलाव होगा. जिस राज्य में जिस पार्टी का वर्चस्व है, वहां हम सहयोग देंगे.'

गुजरात के बारे में उन्होंने कहा कि वहां बीजेपी सत्तारूढ़ है, इसलिए गैर-बीजेपी पार्टियां सत्ता में कैसे आ सकती हैं, इसके लिए सभी पार्टियों को सहयोग देना होगा. पवार ने इस काम के लिए शंकर सिंह वाघेला को अच्छा नेता बताया और कहा कि गैर-बीजेपी पार्टियों को जोड़ने के लिए ही उन्हें एनसीपी में शामिल किया गया है. गुजरात में नॉन बीजेपी ताकतों को इकट्ठा करने की कोशिश जारी है. पवार ने बताया कि शंकर सिंह वाघेला को एनसीपी ने राष्ट्रीय महासचिव बनाया है.  

महाराष्ट्र में उनकी पार्टी किसे समर्थन देगी, इस सवाल पर पवार ने कहा कि 'वहां लोकसभा की 48 सीटें हैं जिनमें 44 पर फैसला हो गया है, बाकी सीट को लेकर गठबंधन पर फैसला नहीं हो पाया है लेकिन अगले हफ्ते तक हो जाएगा.' विपक्ष का गठबंधन बनता है तो प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा, इसके बारे में एनसीपी प्रमुख ने कहा कि 'अभी इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है, 2004 में हमने अलग-अलग चुनाव लड़ा था. चुनाव होने के बाद मेरे ही घर में मिलकर मनमोहन सिंह का नाम फाइनल किया गया था.'

किसानों के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि आज देश में जितने किसानों नेआत्महत्या की है, उतनी पहले कभी नहीं हुई. मैं खुद एग्रीकल्चर मिनिस्टर रहा हूं, हमने तुंरत किसानों के लिये कदम उठाए थे. जीएसटी को लेकर उन्होंने कहा कि 'इसके चलते कई लोगों के काम गए. सरकार ने वादा किया था युवाओं को नौकरी देंगे जबकि जीएसटी की वजह से करोड़ों युवाओं के रोजगार चले गए.'

सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ में न्यूनतम वेतन गारंटी की बात की और कहा कि कांग्रेस की सरकार आई तो गरीबों के खाते में एक न्यूनतम वेतन ट्रांसफर किया जाएगा. इसके बारे में शरद पवार ने कहा कि पहले इस पर चर्चा होगी तब कोई बात की जाएगी. यूपी में मायावती-अखिलेश के गठबंधन पर पवार ने कहा कि 'दोनों नेता गठजोड़ कर काफी खुश हैं और बसपा-सपा मिलकर काम करती हैं तो बीजेपी की सीटें काफी कम हो जाएंगी. अब कांग्रेस इनके साथ मिलकर काम करती है या नहीं, देखने वाली बात होगी.'

राममंदिर के बारे में उन्होंने कहा कि मामला जबतक कोर्ट में है, तब तक इस बारे में कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है.

पवार ने आगे कहा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और गुजरात जैसे राज्य में कांग्रेस बड़ी पार्टी है, तो उनके साथ गठबंधन की बात हो रही है. राफेल के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि यह डील खराब है ऐसा नहीं कह सकता क्योंकि जब उनकी सरकार थी तो इस सौदे को आगे बढ़ाया गया था लेकिन इसकी कीमतें कैसे बढ़ गईं, यह असली सवाल है. पवार ने यह भी कहा कि राफेल सौदा किसी निजी कंपनी को देने के वे खिलाफ हैं.

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