शंकर लालवानी को मिली इंदौर की ‘चाबी’, रिकॉर्ड मतों के अंतर से लगातार नौवीं बार BJP की जीत

इंदौर
बीजेपी के सबसे मजबूत गढ़ इंदौर में एक बार फिर कमल खिला है| इंदौर की चाबी अब शंकर लालवानी को मिल गई है| उम्र के फॉर्मूले के तहत पार्टी ने इस बार सुमित्रा महाजन का टिकट काट दिया था। वे इंदौर से आठ बार सांसद रही हैं| हालाँकि उनके चुनाव लड़ने के इनकार के बाद सबसे आखिर में इंदौर पर प्रत्याशी का एलान किया गया था और  लालवानी को महाजन का चुनावी उत्तराधिकारी बनाते हुए इंदौर से टिकट दिया था।  भाजपा उम्मीदवार शंकर लालवानी ने अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस प्रत्याशी पंकज संघवी पर 5 लाख 46 हजार वोटों से जीत दर्ज कर ली है| इंदौर लोकसभा सीट से भाजपा के शंकर लालवानी ने अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की है, शंकर लालवानी ने इंदौर से सुमित्रा महाजन ताई की सर्वाधिक लीड 4.66 लाख से भी आगे निकल गए हैं। 

शंकर की जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है, इंदौर के राजवाड़ा चौक पर जश्न शुरू हो गया है। शहर भर में भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है। वे आतिशबाजी के बीच ढोल की ढाप पर नाचकर अपनी खुशी जता रहे हैं। मतगणना के रुझानों से उत्साहित लालवानी ने संवाददाताओं से कहा, मुझे अपनी चुनावी जीत का पूरा विश्वास था। लेकिन इतनी बड़ी जीत की कल्पना नहीं थी। मैं इस जीत का श्रेय मोदी, भारतीय जनता पार्टी और सुमित्रा महाजन के कराए गए विकास कार्यों को देता हूं| 

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने वर्ष 2014 के चुनावों में इंदौर क्षेत्र में अपने नजदीकी प्रतिद्वन्द्वी कांग्रेस उम्मीदवार सत्यनारायण पटेल को चार लाख 66 हजार 901 मतों के विशाल अंतर से हराया था। तब वह एक ही सीट और एक ही पार्टी से लगातार आठ बार लोकसभा पहुंचने वाली देश की पहली महिला सांसद बन गई थीं। भाजपा ने पहली बार 1989 में इंदौर सीट जीती थी, इसके बाद से जीत का यह सिलसिला लगातार जारी है। इस बार इंदौर से लगातार आठ बार सांसद रही सुमित्रा महाजन का टिकट काटकर भाजपा ने शंकर लालवानी को प्रत्याशी बनाया गया था। इंदौर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में से चार पर भाजपा और चार पर कांग्रेस का कब्जा है।  

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