लोकसभा चुनाव में लगाई जाएगी पांच लाख कर्मचारियों की ड्यूटी
भोपाल
प्रदेश में लोकसभा चुनाव में पांच लाख कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। विधानसभा चुनाव के दौरान कुछ जगहों पर मॉकपोल के वोट उम्मीदवारों के खाते में जोडऩे जैसी भारी गलती के कारण इस बार चुनाव में जुटे सभी कर्मचारियों-अधिकारियों को ईवीएम का विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
मतदान के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था बनाने के लिए जरूरत के अनुसार लोकसभा क्षेत्रों में सुरक्षा कंपनियां और पुलिस बल तैनात किए जाएंगे। यह रविवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने पत्रकारा वार्ता में दी।
कांताराव ने बताया कि जिन अधिकारियों-कर्मचारियों के स्थानांतरण आचार संहिता लागू होने के पहले किए गए हैं, उनके ज्वाइनिंग और रिलीविंग तत्काल करने के निर्देश दिए गए हैं, वे इसकी रिपोर्ट सोमवार को तलब करेंगे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब गृह जिले और एक ही स्थान पर तीन साल से अधिक समय से अधिकारी-कर्मचारियों की पदस्थापना नहीं है। इस मामले में गृह, सामान्य प्रशासन और राजस्व विभाग ने सर्टीफिकेट भी जारी किया है। अगर कहीं से इस तरह की शिकायत मिलती है तो इस संबंध में विभागों से जवाब तलब करेंगे।
उन्होंने बताया कि संपत्ति विरूण और आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की की भी नियमित समीक्षा की जाएगी। विधानसभा चुनाव में आचार संहिता का उल्लंघन करने पर 1040 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई थी। जबकि संपत्तिविरूपण में मामले में एक हजार से ज्यादा प्रकरण दर्ज किए गए हैं।
दागियों की नहीं लगाई जाएगी चुनाव ड्यूटी
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों को विधानसभा चुनाव में शिकायत अथवा तमाम गड़बडिय़ों के चलते हटाया गया था उनकी ड्यूटी चुनाव में नहीं लगाई जाएगी।
इसके अलावा जो अधिकारी-कर्मचारी किसी राजनीतिक पार्टी के सदस्य या प्रत्याशियों परिजन हैं, उनको भी चुनाव कार्य से दूर रखा जाएगा।
मतदान कार्यों में लगे वाहनों में लगेगा जीपीएस सिस्टम
वीएल कांताराव ने बताया कि जिन वाहनों को चुनाव कार्य में लिया जाएगा उनमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे उनके लोकेशन के संबंध में पता लगाया जा सके।
उन्होंने बताया कि ईवीएम और मतदान सामग्री लेकर जाने वालों में वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाकर उन्हें ट्रैक किया जाएगा। इसके साथ ही जो सेक्टर अधिकारी अतिरिक्त ईवीएम लेकर जाएंगे उनके वाहनों में भी जीपीएस लगाकर उनके लोकेशन की जानकारी ली जाएगी। सेक्टर अधिकारियों को मतदान समाप्त होने के तुरंत बाद अतिरिक्त ईवीएम जमा करना पड़ेगी।