लोकसभा चुनाव : छिंदवाड़ा, देवास, उज्जैन सीट पर जीत के लिए मंत्रियों के पुत्र पर पखेलेगी दावं 

छिंदवाड़ा 
कांग्रेस इस बार लोकसभा में अपनी सीटे बढ़ाने के लिए चार नेताओं के बेटों को पहली बार लोकसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है। नेता पुत्रों को चुनावी मैदान में उतारने के लिए भोपाल से लेकर दिल्ली तक मंथन चल रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस के चारों वरिष्ठ नेताओं के पुत्र इस बार लोकसभा चुनाव के मैदान में बतौर उम्मीदवार दिखाई दे सकते हैं। चारों  ही नेताओं के पुत्रों को लोकसभा के लिए सशक्त दावेदार माना जा रहा है। वहीं प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव की बेटी भी टिकट की दावेदारी में शामिल हैं। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ की पारम्परिक सीट छिंदवाड़ा से उनके बेटे नकुल नाथ को उम्मीदवार बनाने को लेकर कांग्रेस गंभीरता से विचार कर रही है। नकुल नाथ भी क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। नकुल नाथ को छिंदवाड़ा सीट से सबसे मजबूत दावेदार माना जा रहा है। पार्टी उनको लोकसभा चुनाव के मैदान में उतार सकती है। इस सीट से कमलनाथ 9 बार सांसद रह चुके हैं। एक बार उनकी पत्नी अलका नाथ भी इस सीट से सांसद रह चुकी है। 

अपने बयानों के कारण चर्चित रहने वाले लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह  वर्मा के बेटे पवन सिंह वर्मा भी इस बार लोकसभा चुनाव में मैदान में नजर आ सकते हैं। लोकसभा प्रभारी की रिपोर्ट में भी पवन सिंह वर्मा को मजबूत दावेदार के रूप में बताया गया है। हालांकि इस सीट से उनके अलावा भी कई नाम हैं, लेकिन पवन को टिकट देने पर पार्टी विचार कर सकती है। सज्जन सिंह वर्मा इस सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के जुड़े स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट के बेटे नीतीश सिलावट उज्जैन लोकसभा क्षेत्र से टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। तुलसी सिलावट इंदौर के साथ ही उज्जैन लोकसभा क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं। नीतीश सिलावट भी क्षेत्र में लगातार सकिय है। यह क्षेत्र सिंधिया के प्रभाव वाला भी माना जाता है। इसलिए इस सीट पर कांग्रेस नीतीश सिलावट पर दावं लगा सकती है। 

दो बार के विधायक रहे शंकर प्रताप सिंह बुंदेला ‘मुन्ना राजा’ के बेटे सिद्धार्थ प्रताप सिंह भी खजुराहों सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। मुन्ना राजा राज्य कृषि एवं सहकारी ग्रामीण विकास के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। हालांकि मुन्ना राजा इस बार बिजवार सीट से विधानसभा का चुनाव हार गए थे। खजुराहो सीट कांग्रेस आखिरी बार वर्ष 1999 में जीती थी। उस वक्त यहां से सत्यव्रत चतुर्वेदी सांसद चुने गए थे। 

प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आरएन बैरवा की बेटी भी कांग्रेस से लोकसभा का टिकट चाहती है। दिग्विजय सिंह शासन काल में आरएन बैरवा प्रदेश के मुख्य सचिव रहे थो। उनकी बेटी किरण आहिरवार इन दिनों कांग्रेस में खासी सक्रिय है। वे टीकमगढ़ लोकसभा से टिकट मांग रही है। टीकमगढ़ सीट बनने के बाद कांग्रेस इस सीट पर अब तक जीत दर्ज नहीं कर सकी है। 

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