रूस से 21 मिग-29 खरीदने की तैयारी कर रहा है भारत

नई दिल्ली 
फाइटर स्क्वॉड्रन की कम हो रही संख्या के बीच राफेल डील को लेकर राजनीतिक घमासान मचा है, इसी दौरान भारतीय वायु सेना ने रूस से 21 मिग-29 जेट खरीदने की योजना बनाई है। मिग-29 खरीदने की योजना ऐसे समय पर आई है, जब भारतीय वायु सेना जगुआर की ऑपरेशनल एक्टिविटी बढ़ाने पर काम कर रही है। 21 मिग-29 की डील रूस के साथ फाइनल हो जाती है तो मिग अपग्रेडेड वर्जन के साथ तैयार किया जाएगा। भारतीय वायु सेना 2008 में 3842 करोड़ रुपये की लागत से करीब 62 मिग अपग्रेड कराने की डील साइन कर चुकी है, जो तय समय से करीब 5 साल पीछे चल रही है। हालांकि, यह संख्या तेजी से कम होगी, क्योंकि 6 पुराने मिग-21 और मिग-27 स्क्वॉड्रन 2024 तक समय-समय पर रिटायर हो जाएंगे। एयर मार्शल खोसला ने कहा, '36 राफेल के आने से जरूरत पूरी नहीं होगी। इसीलिए इंडियन एयरफोर्स स्वदेशी तेजस फाइटर को भी तैयार कर रही है।' 

इंडियन एयरफोर्स ने शुरुआत में 40 तेजस फाइटर्स का ऑर्डर दिया है। इसके अलावा 43 सुधारों के साथ 83 तेजस मार्क-1ए जेट्स भी मंगाए जा रहे हैं। इन 123 तेजस के डिवेलपमेंट और निर्माण में कुल 75,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इनमें से अभी केवल 12 की डिलीवरी हुई है। इससे पहले रिपोर्ट में बताया था कि इंडियन एयरफोर्स 201 तेजस मार्क-II को मंगाने की भी सोच रही है अगर इन्हें ज्यादा बेहतर उड़ान और राडार, ज्यादा ईधन और हथियार ले जाने की क्षमता के साथ-साथ दमदार इंजन वाले पूरी तरह नए फाइटर्स के साथ आएं। इसके अलावा, भारतीय वायु सेना 9 सुखोई-30एमकेआई फाइटर्स को भी खरीदने की सोच रही है। बता दें कि एक सुखोई क्रैश हो गया था। अभी तक सेना के पास 272 दो सीट वाले सुखोई फाइटर्स में से 249 मिल चुके हैं। रूस के साथ इसके लिए 12 बिलियन डॉलर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है। इनमें से अधिकर एचएएल द्वारा बनाए गए हैं। 

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