रिलायंस जियो में निवेश के लिए गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी बेकरार

नई दिल्ली
वैश्विक लॉकडाउन के दौर में मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने कमाल कर दिया है। वैसा कमाल जिसकी कल्पना भी मुश्किल है। कंपनी ने अलग-अलग आठ निवेशकों से करीब-करीब 1 लाख करोड़ रुपये जुटा लिए। कितनी हैरत की बात है कि इस मायूसी भरे दौर में इसके लिए कंपनी को महज सात हफ्ते का वक्त लगा। अब नौवें निवेशक के रूप में सऊदी अरब की सॉवरन पब्लिक इन्वेस्टमेंट फंड ने भी रिलायंस जियो से डील लगभग पूरी कर ली है।

कतार में गूगल और माइक्रोसॉफ्ट इतना ही नहीं, अब दुनिया की दो टॉप टेक कंपनियां गूगल और माइक्रोसॉफ्ट भी रिलायंस जियो में निवेश के लिए मुंह बाए खड़ी हैं। हमारे सहयोगी न्यूज वेबसाइट बिजनस इनसाइडर ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि रिलायंस जियो में निवेश के लिए गूगल बेकरार है, लेकिन इसके लिए उसे माइक्रोसॉफ्ट से मुकाबला करना पड़ेगा।

लंबे वक्त से निवेश की चाह में है गूगल
एक सूत्र ने बिजनस इनसाइडर से कहा, 'रिलायंस जियो में निवेश का आखिरी दौर गूगल या माइक्रोसॉफ्ट के साथ पूरा हो जाएगा। रिलायंस जियो को दोनों में किसी एक को रिजेक्ट करना होगा। गूगल या माइक्रोसॉफ्ट रिलायंस जियो में 6% हिस्सेदारी लेगी। गूगल जियो में हिस्सेदारी खरीदने को तब से तत्पर है जब से फेसबुक ने निवेश के लिए जियो से बातचीत शुरू की थी।' अब फेसबुक रिलयांस जियो में 9.99% का हिस्सेदार बन चुका है।

गूगल की वोडाफोन से भी चल रही बातचीत
हालांकि, खबर है कि गूगल वोडाफोन आइडिया में भी छोटी हिस्सेदारी (50% से कम) लेने को लेकर बातचीत कर रहा है। यही वजह है कि वोडाफोन के शेयर भी चढ़ गए। 29 मई को गूगल से बातचीत की पहली खबर आने के बाद से वोडाफोन के शेयर की कीमत दोगुनी हो चुकी है। उधर, ऐमजॉन एयरटेल में निवेश की संभावना तलाश रही है। हालांकि, एयरटेल ने इसकी संभावना खारिज कर दी है।

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