राम नवमी: जानें क्या है मर्यादा पुरुषोत्तम की उपासना का शुभ मुहूर्त और विधि

 
नई दिल्ली 

आज चैत्र नवरात्र का अंतिम दिन है. देश भर में 2 अप्रैल यानी आज राम नवमी का त्योहार मनाया जा रहा है. भगवान विष्णु ने अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिये हर युग में अवतार लिया था. इन्हीं में एक अवतार भगवान श्री राम का था. मान्यता है कि विष्णु भगवान चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन ही भगवान राम के रूप में जन्म लिया था. यही कारण है कि इस तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है.

आज की राम नवमी इसलिए भी विशेष है क्योंकि यह गुरुवार के दिन पड़ी है. गुरुवार का दिन भगवान विष्णु का दिन माना जाता है और इस दिन उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है. भगवान श्री राम विष्णु के ही अवतार हैं.

इस दिन मां दुर्गा को भी विदाई दी जाती है. नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. मां सिद्धिदात्री की पूर्ण भक्ति भाव के साथ पूजा अर्चना करने से सभी प्रकार की सिद्धि प्रदान हो सकती है. इसी कारण देवी का नाम सिद्धिदात्री पड़ा है. मां सिद्धिदात्री सभी दुखों का नाश करती हैं. नवरात्रि के नौवें दिन इनकी पूजा करके नव ग्रहों को शांत किया जा सकता है.

राम नवमी के दिन मंदिरों में कई तरह के विशेष कार्यक्रमों का आयोजन होता है लेकिन इस बार कोरोना वायरस और लॉकडाउन की वजह से सभी धार्मिक स्थल बंद हैं और लोग अपने घरों में ही पूजा कर रहे हैं.

राम नवमी पूजा मुहूर्त- सुबह 10.38 से दोपहर 13:38 तक

कैसे करें श्री राम की उपासना?

-प्रातः काल स्नान कर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद भगवान राम की प्रतिमा को रोली का तिलक करें.

– भगवान राम को पीले फल, पीले फूल और पंचामृत और तुलसी दल अर्पित करें. पूजा के समय घंटी और शंख बजाएं.

– श्रीराम के मंत्रों का जाप करें, रामायण पढ़ें और रामचरितमानस का भी पाठ करें. इस दिन बालकाण्ड का पाठ करना उत्तम होता है.

– इस दिन भागवान को पंचामृत से भी स्नान कराया जाता है.

– आज के दिन नवरात्र पूरे होने पर हवन भी किया जाता है.

– हवन सामग्री में जौ और काला तिल मिलाएं.

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किस लाभ के लिए किस चीज से हवन करें?

– आर्थिक लाभ के लिए- मखाने और खीर से हवन करें.

– कर्ज मुक्ति के लिए- राई से हवन करें.

– संतान सम्बन्धी समस्याओं के लिए- माखन मिसरी से हवन करें.

– ग्रह शान्ति के लिए- काले तिल से हवन करें.

– सर्वकल्याण के लिए- काले तिल और जौ से हवन करें.

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