राजनांदगांव के एक पंचायत ने सुनाया ये अजीबो-गरीब फरमान, हुई शिकायत

राजनांदगांव 
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के एक पंचायत ने एक बेहद ही अजीब से फरमान मजदूरों के लिए जारी किया है. इसके मुताबिक जो लोग अपने मजदूरी में से 200 रुपए देगा उन्ही को रोजगार गारंटी में काम दिए जाने की बात कही गई है. वहीं तलाब गहरीकरण में लगे लगभग 175 मजदूरों से मिट्टी को कही और डलवाने के एवज में 200 रुपए की उगाही का आरोप पंचायत पर लगा है. आरोप है कि पंचायत ने ये भी कहा है कि जो मजदूर रुपए नहीं दे सकता उन्हें रोजगार गारंटी में काम नहीं मिलेगा. इसके बाद यहां के ग्रामीण मजदूरों को मजबूरन 200 रूपए देकर मनरेगा में काम कर रहे है. वहीं बीते दिनों ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से की है. वहीं इस मामले की सूचना प्रशासन को मिलते ही शासन स्तर पर जांच शुरू करने की बात कही जा रही है.

मिली जानकारी के मुताबिक राजनांदगांव ब्लॉक के ग्राम पंचायत पदुमतरा में मनरेगा मजदूरों को अजीबो-गरीब फरमान सुना दिया गया है. पदुमतरा गांव में मरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का काम चल रहा है. इसकी लागत करीब 9 लाख 53 हजार रुपए है. इसमें 175 मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है. लेकिन पंचायत का कहना है कि तलाब किनारे मिट्टी डालने की जगह नहीं होने के कारण मिट्टी को आवश्यकता अनुसार गांव के लोगों को दिया जा रहा है. इधर मिट्टी डालने के एवज में भी लोगों से पैसे लिया जा रहे जिसकी शिकायत मिलते ही जनपद पंचायत राजनांदगांव से अधिकारी पहुंचे और ग्रामीणों की शिकायत पर सरपंच सचिव से इस मामले की पूछता की जा रही है. वहीं अधिकारियों ने गोदारा के ग्रामीणों की बैठक लेकर पूरे मामले की जांच पड़ताल कर रहे है. जांच अधिकारी चंद्रकला कुशवाहा का कहना है कि जांच के बाद जो भी कारवाई होगी वह की जाएगी. वहीं इस पूरे मामले पर सरपंच-सचिव का कहना है कि आरोप पूरी तरह से निराधार है. पंचायत की बैठक लेकर निर्णय लिया गया था. किसी से कोई पैसा की उगाई नहीं की गई है. जो भी निर्णय पंचायत के पक्ष में था वह लिया गया है.

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