रविशंकर प्रसाद का निशाना- राहुल गांधी बताएं 55 लाख से 9 करोड़ कैसे हुई संपत्ति

नई दिल्ली                
जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला है. रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर कई आरोप लगाए. प्रसाद ने राहुल गांधी के आय के स्रोत पर सवाल भी उठाए हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हम जानाना चाहते हैं कि राहुल गांधी के आय का स्रोत क्या है. उन्होंने राहुल गांधी के बहनोई और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा को भी निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि क्या यह वॉड्रा मॉडल ऑफ डेवलेपमेंट है. उन्होंने कहा कि पिछले 2 से 3 साल में कैसे 6 से 7 लाख की संपत्ति बढ़कर 7 से 8 करोड़ की हो गई.

रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम राहुल गांधी का बिजनेस मॉडल देख रहे हैं. राहुल गांधी ने 2004 के अपने चुनावी हलफनामें कहा था कि उनके पास 55,83,123 लाख रुपए की सपंत्ति है. यह संपत्ति कैसे बढ़कर 2009 में 2 करोड़ हो गई. 2014 में यह संपत्ति बढ़कर 9 करोड़ हो गई. राहुल गांधी का यह बिजनेस का मॉडल क्या है. रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी से सवाल किया कि कैसे एक सांसद की संपत्ति इतने वर्षों में इतनी ज्यादा बढ़ सकती है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कि राहुल गांधी और प्रियंका के पास 4.69 एकड़ का फॉर्म हाउस था जिसे दिल्ली फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया को दिया गया था. नेशनल स्पॉट एक्सचेंज ने दिल्ली फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी ऑफ इंडिया को नोटिस भेजा गया. संजय भंडारी रॉबर्ट वाड्रा के साथ संपर्क में रहे. ऐसे में हमारा सवाल है कि क्या आपने यूनिटेक से दो संपत्तियां ली थीं. एक संपत्ति की कीमत 1.44 करोड़ रुपए की थी, वहीं दूसरी संपत्ति 5.6 करोड़ रुपए की थी.

अमित शाह ने भी बोला हमला

इससे पहले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने शनिवार को कहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को 14 फरवरी को पुलवामा में हुए हमले पर उनके मुख्य सलाहकार सैम पित्रोदा के बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष से मांग करता हूं कि वह पुलवामा हमले में शहीद हुए जवानों के परिजनों से माफी मांगे.

शाह का बयान पित्रोदा के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि पुलवामा जैसे हमले हमेशा होते रहते हैं और 2008 में मुंबई में हुए हमले के बाद संप्रग सरकार भी पाकिस्तान में विमान भेज सकती थी, लेकिन वह सही कदम नहीं होता. पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. शाह ने सवाल खड़े किए थे कि कांग्रेस उस अत्यंत जघन्य हमले को सामान्य घटना मानती है.

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