यूजीसी गाइडलाइन्स का इंतजार बढ़ा, रद्द हो सकती हैं फाइनल परीक्षाएं

नई दिल्ली 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की फाइनल ईयर/सेमेस्टर परीक्षाओं की नई गाइडलाइन्स का इंतजार बढ़ता जा रहा है। लेकिन उम्मीद है कि यूजीसी गाइडलाइन्स बहुत जल्द यानी अगले एक-दो दिन में जारी की जा सकती हैं। इसी बीच राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र समेत देश अन्य भी कई विश्वविद्यालयों में फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द किए जाने का फैसला लिया जा चुका है। ऐसे में माना जा रहा है कि यूजीसी की नई गाइडलाइन्स में भी फाइनल परीक्षाओं को रद्द किए जाने का ऐलान किया जा सकता है। आपको बता दें केंद्रीय एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने भी कहा था कि उन्होंने कोरोना वायरस और छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए यूसीसी को निर्देश दिया है कि वह गाइडलाइन्स पर पुनर्विचार करे।

मई 2020 में जारी हुई थी यूजीसी की गाइडलाइन्स
इससे पहले यूजीसी मई 2020 फाइनल ईयर/सेमस्टर को लेकर गाइडलाइन्स जारी की थीं। जिसमें फाइनल ईयर या फाइनल सेमेस्टर के छात्रों की परीक्षाएं कराने की बात कही गई थी। लेकिन कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और कुछ राज्य सरकारों द्वारा परीक्षाएं कराने से इनकार करने पर एक फिर से यूजीसी को गाइडलान्स जारी करने को कया गया था। आपको बता कि एचआरडी मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निंशक जिस सक्रियता से छात्रों के हर मुद्दे जैसे, सीबीएसई परीक्षाएं, नीट, जेईई और सीटीईटी आदि की जानकारी और जवाब स्वयं देते हैं उससे अनुमान लगाया जा सकता है कि यूजीसी की नई गाइडलाइन्स जानकारी भी एचआरडी मंत्री ही खुद दे सकते हैं।

5 जुलाई को राजस्थान और पंजाब सरकारों ने रद्द की विश्वविद्यालयों सभी परीक्षाएं-
रविवार को राजस्थान सरकार ने राजय में स्नातक और परास्नातक की सभी परीक्षाएं रद्द करने का फैसला किया है। इससे पहले राजस्थान यूनिवर्सिटी ने 3 जुलाई को फाइनल की परीक्षाएं कराने के लिए परीक्षा डेटशीट जारी की थी। इसी तरह पंजाब सरकार ने जून में फैसला लिया था कि 15 जुलाई तक राज्य में सभी परीक्षाएं स्थगित की जाती हैं लेकिन अब सरकार ने ये परीक्षाएं रद्द करने का फैसला लिया है।

यूपी के वीबीएसपीयू ने रद्द की परीक्षाएं

  • वहीं रविवार को उत्तर प्रदेश में जौनपुर के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने भी फाइनल ईयर की परीक्षाएं रद्द करने का ऐलान किया। फाइनल में छात्रों का मूल्यांकन पिछले सेमेस्टरों के औसत अंक और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर किया जाएगा। कुछ कक्षाओं के छात्रों का रिजल्ट उनके प्रोजेक्ट और होम असाइनमेंट के आधार पर भी जारी किया जाएग।
  • इससे पहले गुजरात टेक्निकल विश्वविद्यालय (GTU) के फाइनल ईयर छात्र और डीयू के टीचर परीक्षाएं रद्द करने की मांग को लेकर यूजीसी को लिख चुके हैं। इन सब बातों को देखते हुए उम्मीद है कि यूजीसी जल्द ही नए अकादमिक सत्र 2020-21 और फाइनल परीक्षाें को लेकर छात्रों को राहत देने वाली खबर दे सकता है।
  • आपको बता दें कि देश के विश्वविद्यालयों, कॉलेजों में लाखों छात्र बीए, बीएससी, बी कॉम, एमए, एमएससी और एमकॉम के प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष या प्रथम या तृतीय सेमेस्ट में हैं ऐसे में उन्हें चिंता सता रही है कि उनका मूल्यांकन किस आधार पर होगा।

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