मुंबई ब्रिज हादसा: शुरुआती जांच में सामने आई गंभीर लापरवाही, 2 इंजीनियर सस्पेंड

 
नई दिल्ली 

मुंबई फुटओवर ब्रिज हादसे की शुरुआती पड़ताल में गंभीर लापरवाही सामने आई है, जिसके बाद दो इंजीनियर सस्पेंड कर दिए गए हैं. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ऑडिट रिपोर्ट में पुल की कमियां सही तरीके से नहीं बताई गई हैं. अब तक की जांच में बीएमसी के पांच इंजीनियरों पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है, जिनमें से दो रिटायर हो चुके हैं. दक्षिणी मुंबई में एक रेलवे स्टेशन के पास गुरुवार शाम ओवरब्रिज का बड़ा हिस्सा ढह जाने से 6 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 31 अन्य घायल हो गए थे. हादसे के बाद मुख्य अभियंता (सतर्कता) ने जांच की, जिसके बाद इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

एक अधिकारी ने बताया कि 2017-18 में पुल का संरचनात्मक लेखा परीक्षण करने वाले कार्यपालक अभियंता ए.आर पाटिल और 2013-14 में इसके मरम्मत कार्यों का निरीक्षण करने वाले सहायक अभियंता एस.एफ काकुल्ते को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए.  मेहता ने पूर्व मुख्य अभियंता (पुल) एस ओ कोरी और पूर्व उप मुख्य अभियंता आर बी तारे (दोनों सेवानिवृत्त) के खिलाफ भी विभागीय जांच के आदेश दिए हैं.

जांच रिपोर्ट में क्या आया

हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि ये चारों अधिकारी 2017-18 में संरचनात्मक लेखा परीक्षण की खराब देखरेख के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने आदेश दिया कि संरचनात्मक ऑडिटर प्रोफेसर डी डी देसाई की एसोसिएटेड इंजीनियरिंग कंसल्टेंट्स एंड एनालिस्ट प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना ढंग से संरचनात्मक लेखा परीक्षण करने के लिए एफआईआ दर्ज की जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि ऑडिटर को तत्काल प्रभाव से बीएमसी के संरचनात्मक लेखा परीक्षकों की सूची से हटाया जाए.

हादसे के बाद महाराष्ट्र सरकार ने बीएमसी और रेलवे अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. हालांकि, एफआईआर में किसी का नाम नहीं है, लेकिन शुरुआती जांच में जिन इंजीनियरों के नाम सामने आए हैं, उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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