महाराष्ट्र: बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन लगभग तय
मुंबई
महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार को शिवसेना कितना भी कोसे, लेकिन लोकसभा चुनाव दोनों मिलकर लड़ेंगे। यह बात लगभग तय हो गई है। हालांकि विधानसभा चुनावों में गठबंधन का पेच मुख्यमंत्री पद को लेकर फंसा हुआ है। बीजेपी की तरफ से बताया जा रहा है कि फिफ्टी-फिफ्टी सीटों के फॉर्म्युले पर चुनाव लड़ने के लिए दोनों दलों में सहमति बन गई है। मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी ने शिवसेना के सामने ढाई-ढाई साल का फॉर्म्युला रखा है।
महाराष्ट्र में लोकसभा की कुल 48 सीटें हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 26 सीटों पर चुनाव लड़ा और 23 सीटों पर जीतकर आई, जबकि शिवसेना ने 22 सीटों पर चुनाव लड़कर 18 सीटों पर जीत दर्ज की। अब फिर लोकसभा चुनाव सिर पर हैं और शिवसेना अपने मुताबिक समझौता करना चाहती है। बैक डोर से दोनों दलों के बीच गठजोड़ के लिए दिल्ली से लेकर मुंबई तक कसरत की गई। नतीजे सामने हैं।
ढाई-ढाई साल का फॉर्म्युला
माना जा रहा है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पालघर सीट छोड़ने के लिए बीजेपी अब तैयार है। लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनावों में भी सीटों का बंटवारा लगभग तय है। मुख्यमंत्री पद को लेकर मामला थोड़ा अटका है। शिवसेना का कहना है विधानसभा चुनाव में किसी की भी सीटें ज्यादा आएं, लेकिन मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा। अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस अपनी सीट इतनी आसानी से शिवसेना को कैसे दे देंगे, फिर भी बीजेपी ने ढाई-ढाई साल का फॉर्म्युला शिवसेना के सामने रखा है।
दरअसल, शिवसेना की इस भूमिका को बीजेपी इस नजर से देख रही है कि उन्हें (शिवसेना को) अगली सरकार में मालदार मंत्री पद चाहिए, जैसे- पिछली आघाड़ी सरकार में एनसीपी ने कांग्रेस के साथ किया था। मुख्यमंत्री कांग्रेस का था और मलाईदार मंत्री पद एनसीपी के पास था। कुल मिलाकर यह निश्चित हो गया है कि बीजेपी-शिवसेना मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि इसकी अधिकृत घोषणा अभी बाकी है।