महाराष्ट्र: यहां पानी से कीड़े, मिट्टी छानकर पीने को मजबूर हैं लोग

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कुएं के पास पानी निकलने के लिए लाइन में लगीं मन्नाबी शेख कहती हैं, 'आप मुंबई जाना तो शाहरुख खान को हमारे शाहरुख के बारे में बताना। यह असली हीरो है।' ये लोग एक ऐसे कुएं के पास लाइन लगाकर खड़े हैं, जिसकी तली में हरे रंग का थोड़ा सा पानी है तो, मगर कीड़ों से भरा हुआ। शाहरुख अनीस शेख (18) यहां के लोगों के लिए लाइफलाइन से कम नहीं हैं। शाहरुख कुएं में जाकर प्लास्टिक के कैन में पानी भरकर लाते हैं और सभी गांववाले उसमें से थोड़ा-थोड़ा ले लेते हैं।

यह पानी साधारण पानी नहीं होता है। इसमें कीचड़, मिट्टी और कीड़े तैर रहे होते हैं। मन्नाबी ने बताया, 'इसे हम घर पर छान लेंगे जाकर, फिर उबालेंगे, तब पिएंगे।' वह पूछती हैं कि हमारे पास और क्या विकल्प हैं? यहां पानी की किल्लत ऐसी है कि लोग हफ्ते में दो बार से ज्यादा नहा भी नहीं सकते हैं।

जैसे-जैसे सूखा गहराएगा मराठवाड़ा के इन सुदूर गांवों में पानी की एक-एक बूंद के लिए लोगों के तरसने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। राज्य के 42 फीसदी तालुका इस समय भयंकर सूखे की चपेट में हैं। इस क्षेत्र में औसत की 64 फीसदी बारिश ही हुई थी। बीड जिले में औसत की 50 फीसदी ही बारिश हुई। बांधों में भी क्षमता का 13 फीसदी पानी ही बचा है, जो पिछले साल 52 फीसदी था।

'पानी माफियाओं का धंधा जोरों पर'
लोगों के लिए कुएं से पानी निकालने वाले शाहरुख कहते हैं, 'अगर आप सुबह 4 बजे उठते हैं, तो सुबह 6 बजे तक आपको दो बर्तनभर पानी मिल जाएगा। आप जितनी देर करेंगे, पानी उतना ही कम मिलेगा।' यहां पानी बेचने का धंधा भी जोरों पर है। पाटोदा तालुका के रहने वाले गणेश कावड़े कहते हैं, 'साहूकार पानी के धंधे में उतर आए हैं। 1000 लीटर के पानी का टैंकर हमें 400 रुपये में बेचा जाता है।'

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