महंगी हुईं सब्जियां: महीने भर में दाम डबल

नई दिल्ली
सर्दी खत्म होते ही सब्जियों की कीमतें तेजी से बढ़ने लगी हैं। आलू-प्याज को छोड़कर ज्यादा सब्जियों के दाम बीते एक महीने में डेढ़ से दोगुना बढ़ गए हैं। हालांकि थोक के मुकाबले रिटेल और ऑनलाइन स्टोर्स पर कीमतों में ज्यादा इजाफा देखने को मिल रहा है। मंडी और मार्केट जानकारों का कहना है कि गर्मी के अलावा मौसम में उतार-चढ़ाव से भी सब्जियों की पैदावार घटने लगी है।

आजादपुर मंडी एग्रो प्रोड्यूस मार्केटिंग कमेटी (एपीएमसी) की रिपोर्ट के मुताबिक गोभी, टमाटर, पालक, मटर की थोक कीमतें पिछले 15 दिनों में 30% और एक महीने में 40% तक बढ़ी हैं। फिलहाल मंडी में फूल गोभी की कीमत न्यूनतम 9 और अधिकतम 15 रुपये किलो है, जो 20 फरवरी को 7-12 की रेंज में थी। यह रिटेल मार्केट में 50 से 60 रुपये किलो है। मंडी में अधिकतम रेंज में पत्तागोभी 9, पालक 10, टमाटर 24, बैंगन 13, गाजर 8 रुपये किलो बिक रहा है। टमाटर की औसत थोक कीमतों में करीब 50% का इजाफा हुआ है, जबकि अन्य हरी सब्जियां 30 % तक महंगी हुई हैं।

लेकिन रिटेल मार्केट और स्टोर्स पर टमाटर 50-60 रुपये किलो बिक रहा है, जो एक महीने पहले 30-40 रुपये था। पालक, मटर, शिमला मिर्च, ब्रोकली की रिटेल कीमतें 60 से 80% तक बढ़ गई हैं। ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर्स पर सब्जियों के दाम कुछ ज्यादा ही आसमान छू रहे हैं। बिग बास्केट पर मटर 130, बीन्स 120, पालक110, शिमला मिर्च 85, गोभी 80, गाजर 55, मूली 28, खीरा 40, टमाटर 40, भिंडी 70 रुपये किलो बिक रही हैं।

आलू और प्याज की कीमतों में कोई खास अंतर नहीं आया है। ये थोक में औसतन 8 और रिटेल में 15 से 20 रुपये किलो के स्तर पर बनी हुई हैं।

टमाटर विक्रेता संघ के मेंबर समीर भाटिया ने बताया कि बिन मौसम हालिया बारिश और ओले पड़ने से भी पैदावार पर असर हुआ है। ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों में टमाटर की फसल नष्ट हुई है, जबकि मटर, गोभी, भिंडी की फसलों को भी नुकसान हुआ है। मौसम में भारी उतार-चढ़ाव देसी सब्जियों की पैदावार के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है।

रिटेल कीमतों में भारी उछाल के पीछे सब्जियां सूखने और खराब होने को वजह बताया जा रहा है, हालांकि ट्रेडर्स का कहना है कि ये पीछे से ही महंगी आ रही हैं। आलू और प्याज कीमतों में हाल-फिलहाल तेजी के आसार नहीं हैं।

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