मप्र के लाखों कर्मचारियों की 7वें वेतनमान के एरियर की किस्त अटकी

भोपाल
प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को झटका लग सकता है| लाखों कर्मचारियों को मई में मिलने वाली 7वें वेतनमान के एरियर की किस्त अटक गई है| वेतन को कोष और लेखा विभाग की मंजूरी नहीं मिलने से करीब 41% कर्मचारी इससे प्रभावित हो सकते हैं|  जिन कर्मचारियों के वेतन को कोष एवं लेखा से स्वीकृति नहीं मिली है उनकी मई में सातवें वेतनमान की एरियर की किस्त नहीं मिल पाएगी| पहले बिना वेतन निर्धारण का अनुमोदन किए एरियर की किस्त जारी की जाती थी, लेकिन वेतन तय करने में गड़बड़ी सामने आने के चलते वित्त विभाग ने नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके चलते अभी 41 प्रतिशत कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का अनुमोदन होना शेष है और इसके लिए अंतिम तारीख 15 मई तय की गई है। 

पिछली सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को तोहफा देते हुए सातवां वेतनमान लागू तो कर दिया था, लेकिन इसकी प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई है| कर्मचारियों को एक जनवरी 2016 से 30 जून 2017 का एरियर तीन किस्तों में मिलना है। एक किस्त मिल चुकी है पर 41 प्रतिशत कर्मचारियों की दूसरी किस्त अटकने की संभावना है| पहली किस्त के एरियर का भुगतान बिना कोष एवं लेखा के अनुमोदन कर दिया था। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत कोष एवं लेखा के अनुमोदन के बाद ही किश्त जारी होगी| अगर वेतन निर्धारण में कोई गलती रह जाती है और एरियर का भुगतान भी हो जाता है तो कर्मचारी पर वसूली की स्थिति बन सकती है। इसे देखते हुए कोष एवं लेखा संचालनालय मई तक सौ फीसदी वेतन निर्धारण का अनुमोदन पूरा करने की कोशिश में जुट गया है। 

इस कार्य के लिए कार्यालयों में वेतन निर्धारण दल भी भेजे जा रहे हैं। लेकिन अभी तक 59 प्रतिशत प्रकरणों का ही निपटारा हो सका है। विभाग ने इस काम को पूरा करने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी है। सभी विभागाध्यक्षों को पत्र लिखकर कहा गया है कि जो भी लेखापाल, स्थापना लिपिक या आहरण अधिकारी समय सीमा में काम पूरा नहीं करता है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। एक जनवरी 2006 से या फिर नियुक्ति की तारीख से विभाग के पोर्टल पर सभी जानकारियां दर्ज नहीं की गईं। कोष एवं लेखा के दल को सेवा पुस्तिका उपलब्ध ही नहीं कराई जा रही है। वेतन निर्धारण का अनुमोदन नहीं होने में एक और वजह सामने यह आई है कि कार्यालय प्रमुखों की इन प्रकरणों के अनुमोदन में कोई रुचि ही नहीं है। शासन ने अब वेतनमान का निर्धारण करने के लिए टाइम लाइन तय की है| 30 अप्रैल तक सभी कर्मचारियों की सेवा पुस्तिका में वेतन निर्धारण की सभी प्रविष्टियां पूरी करने के निर्देश दिए हैं| संभागीय संयुक्त संचालक को समग्र वेतन निर्धारण प्रकरणों का अनुमोदन 15 मई 2019 तक पूरा करने के निर्देश हैं| ताकि कर्मचारियों को दूसरी किस्त का एरियर निकालना संभव हो| 

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