भारतीय पनडुब्बियों को बदनाम करने की पाकिस्तान की साजिश

 
नई दिल्ली 

बॉर्डर पर पाकिस्तान की तरफ से अक्सर संघर्षविराम का उल्लंघन किया जाता रहा है। हालांकि पुलवामा आतंकी हमले के बाद हालात बदले हैं। भारत ने पाकिस्तान में घुसकर ऐक्शन किया है और पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई को भी नाकाम कर दिया। इस बीच, पाकिस्तान ने सोची-समझी साजिश के तहत भारतीय नौसेना खासतौर से उसकी एक पनडुब्बी को बदनाम करने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने दावा किया कि उसने अपने जलक्षेत्र में एक भारतीय पनडुब्बी के घुसने की कोशिश नाकाम कर दी। हालांकि भारतीय नौसेना ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे पाकिस्तान का दुष्प्रचार करार दिया। आइए समझते हैं कि आखिर इस डर्टी गेम के पीछे पाकिस्तान की चाल क्या है। 

संख्या में काफी पीछे 
जब बात पनडुब्बियों की संख्या की आती है तो भारत और पाकिस्तान की ताकत में कोई तुलना नहीं है। पिछले साल आई एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय शस्त्रागार में 15 पारंपरिक पनडुब्बियां, 2 न्यूक्लियर पावर्ड सबमरीन्स (परमाणु हथियार ले जाने वाली बैलस्टिक मिसाइलों से लैस) और एक न्यूक्लियर पावर्ड अटैक सबमरीन INS चक्र शामिल है। वहीं, पड़ोसी देश पाकिस्तान के पास केवल 5 डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियां हैं। इसके साथ ही वह चीन से 8 और स्टील्थ सबमरीन्स हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। 

इसलिए है अहम 
शीत युद्ध के खत्म होने के साथ ही कई विशेषज्ञों ने पनडुब्बियों की ताकत में उसकी स्टील्थ टेक्नॉलजी को बताया था। हालांकि अब यह उतनी महत्वपूर्ण नहीं रही क्योंकि ट्रैकिंग टेक्नॉलजी में काफी नई चीजें आ गई हैं। अमेरिका ने दूसरे देशों की तुलना में सबसे ज्यादा सबमरीन ट्रैकिंग में निवेश किया है और वह लगातार अपने ऐंटी सबमरीन पोत का इस्तेमाल करता है। अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में घूमती रूसी पनडुब्बियों की टोह लेने के लिए अमेरिका अपने पोत को तैनात रखता है। 

वैसे सबमरीन ने अपनी उपयोगिता को साबित किया है और कभी कभार चकित भी करती रहती है। 2017 में रूस के क्रासनडार सबमरीन का ही मामला ले लीजिए। यह भूमध्य सागर के पास से काला सागर की तरफ जा रही थी तभी अचानक अमेरिकी जहाज उसका पीछा करने लगे। अमेरिका का मकसद इसे ट्रैक करने के साथ ही इसके बारे में जानकारी हासिल करना भी था, क्योंकि यह नई थी। 

हालांकि क्रासनडार अचानक गायब हो गई और सीरिया की तरफ उसने लगातार मिसाइलें दागकर अमेरिका को भी चकित कर दिया। बाद में टारगेट को हिट करने के सबूत के तौर पर रूस ने तस्वीर भी दिखाई। हालांकि यह बात अमेरिका और रूस की हो रही है। पाकिस्तान के पास ऐसी तकनीक नहीं है, जो अमेरिकी पोत के पास है। 

हिंद महासागर का हाल 
पाकिस्तान को मजबूत करने में उसका सदाबहार मित्र चीन काफी मदद कर रहा है। हिंद महासागर में चीन अपना प्रभाव बढ़ाना चाहता है। उसके जंगी बेड़े में कई पनडुब्बियां हैं जो वह लगातार दूसरे देशों की जासूसी के लिए तैनात करता रहता है। इतना ही नहीं, चीन पाकिस्तान के लिए सबसे आधुनिक शिप तैयार कर रहा है, जिसमें ऐंटी-शिप और ऐंटी-सबमरीन की भी क्षमता होगी। चीन पाकिस्तान को ऐसे चार शिप्स देने की योजना पर काम कर रहा है। इसके पीछे चीन का तर्क है कि वह हिंद महासागर में शक्ति संतुलन स्थापित करना चाहता है। ऐसे में यह न सिर्फ भारत के लिए बल्कि अमेरिका के लिए भी चिंता का विषय है। 

इधर, भारत 10 साल के लिए न्यूक्लियर अटैक सबमरीन को लीज पर लेने के लिए रूस के साथ 3 अरब डॉलर की डील पर साइन करने वाला है। इसके साथ ही नेवी कुछ और सबमरीन खरीदने या संयुक्त रूप से निर्माण करने के बारे में सोच रही है, इनमें से कुछ ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस होंगी। ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान आज के समय में समुद्री ताकत में भारत से मुकाबला नहीं कर सकता है। यही वजह है कि वह पहले से ही भारत को बदनाम करने की रणनीति अपना रहा है। 
 

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