बोलने-सुनने में अक्षम बेटे को एक साल बाद सही सलामत देखकर रो पड़ी मां, बिहार से भटककर पहुंच गया था बनारस

वाराणसी 
वाराणसी में सामनेघाट स्थित ‘अपना घर आश्रम’ में रविवार को बिहार से आई महिला एक साल से बिछड़े अपने बेटे को पाकर रो पड़ीं। बेटे के बोलने और सुनने में अक्षम होने से मां उसके मिलने की उम्मीद भी छोड़ चुकी थी। आश्रम से दो माह पहले जानकारी हुई कि बेटा वाराणसी में उनके पास है। इसके बाद कर्ज लेकर दो बार यहां आने की कोशिश की लेकिन लॉकडाउन के कारण सफल नहीं हो सकीं। एक दिन पहले वह ट्रेन से गोरखपुर पहुंची और वहां से बस से वाराणसी आईं। अपना घर आश्रम से बेटे को लेकर खुशी खुशी लौट गईं। बिहार में मोतिहारी जिले के लालबन टोला चरगाहा निवासी 25 वर्षीय अमीर आलम बोलने और सुनने में अक्षम है। वह एक साल पहले घर से निकला और भटककर वाराणसी पहुंच गया। यहां इधर-उधर भटकता रहा। छह माह पहले मंडुवाडीह पुलिस ने उसे अपना घर आश्रम पहुंचा दिया। आश्रम के डॉ. निरंजन ने बताया कि चार माह तक लंबी काउंसलिंग के बाद वह कुछ ठीक हुआ।

इसके बाद अपने चचेरे भाई का मोबाइल नंबर बता सका। चचेरा भाई गुजरात में रहता है। दो माह पहले उसे फोन कर जानकारी दी गई तो उसने अमीर की मां शमीना बेगम को बताया। रविवार को पहुंची शमीना ने बताया कि अमीर के दो छोटे भाई हैं। पिता का निधन हो चुका है। अमीर भी अपनी मां से मिलकर बेहद खुश था। आश्रम की तरफ से बेटे की दो महीने की दवाइयां और रास्ते के खर्च के लिए नगद भी दिया गया ताकि कोई दिक्कत न हो।

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