बीजेपी से बागी हुए कुसमारिया की कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज

भोपाल
लोकसभा चुनाव से पहले फिर नेताओं के दल-बदलने का सिलसिला शुरु हो गया है। हाल ही में एक दर्जन से ज्यादा भाजना नेताओं ने कांग्रेस ज्वाइन की थी। अब कयास लगाए जा रहे है कि  भाजपा के पूर्व मंत्री और पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमरिया कांग्रेस में शामिल हो सकते है।वे इस संबंध में मुख्यमंत्री कमलनाथ से आज मुलाकात कर सकते है। 

साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि वे राहुल गांधी की सभा में कांग्रेस में शामिल होने का सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर सकते है। बताते चले कि इससे पहले उन्होंने दावा किया था कि कांग्रेस ने उन्हें ऑफर दिया है।अगर ये मुलाकात कुछ रंग लाती है, तो बीजेपी को अपने गढ़ बुंदेलखंड में भारी नुकसान सहना पड़ सकता है, क्योंकि बुंदेलखंड की 4 लोकसभा सीट पर बीजेपी ने 2014 में चारों पर जीत हासिल की थी।

दरअसल, भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े कुसमारिया प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री कमलनाथ के संपर्क में हैं। हाल के मेल-मिलाप से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि वे 8 फरवरी को भोपाल आ रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के समक्ष पार्टी की सदस्यता लेंगे।  खुद कुसमरिया का कहना है कि कांग्रेस में जाने के लिए कार्यकर्ताओं की राय ले रहा हूं। जो पार्टी टिकट देगी उसके लिए लड़ूंगा। इससे पहले विधानसभा चुनाव के दौरान कुसमारिया ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी थी,उन्होंने टिकट ना मिलने पर दो सीटो से निर्दलीय चुनाव लड़ा था, हालांकि वे जीत हासिल नही कर पाए थे लेकिन भाजपा का नुकसान करने में कामयाब हो गए थे।जिसके बाद पार्टी ने उन्हें भाजपा से निष्काषित कर दिया था।

अगर कुसमारिया कांग्रेस में शामिल होते है तो लोकसभा चुनाव में भाजपा को तगड़ा झटका लग सकता है। उनके शामिल होने पर बुंदेलखंड की राजनीति में बड़ा फेरबदल होने की संभावना है। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस बुंदेलखंड में अपनी स्थिति मजबूत करना चाह रही है।  वहीं बीजेपी के ही पूर्व सांसद चंद्रभान सिंह लोधी की भी कांग्रेस में शामिल होने के अटकलें तेज है। बीजेपी के दोनों पूर्व सांसद रामकृष्ण कुसमारिया और चंद्रभान सिंह लोधी दोनों आठ फरवरी को भोपाल में राहुल गांधी की उपस्थिति में कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं।

बीते दिनों कुसमरिया ने गौर से मुलाकात के बाद कहा था कि मुझे भी कांग्रेस ने बुंदेलखंड की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। बुंदेलखंड या जबलपुर से मैं चुनाव लड़ सकता हूं। मैंने तो 5 जगह से टिकट मांगा था, नहीं दिया तो 11 जगह हार का सामना करना पड़ा। दो जगह तो मैंने डंके की चोट पर हराया, जहां से मैं निर्दलीय खड़ा हुआ था। हमारे नेता हमारी हैसियत जानते नहीं थे, वो जो हमसे जूनियर हैं, हमसे हैसियत पूछते थे। इसलिए हमें हैसियत दिखानी पड़ी और सरकार चली गई। 

रामकृष्ण कुसमारिया बीजेपी के बड़े कुर्मी नेता हैं, बुंदेलखंड इलाके में वो कई बार अलग-अलग सीटों से लोकसभा और मप्र विधानसभा में बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। चाहे 2008 में परिसीमन के पहले की खजुराहो लोकसभा सीट हो या फिर दमोह, पन्ना लोकसभा सीट हो, दोनों सीटों से रामकृष्ण कुसमारिया लोकसभा पहुंचे हैं। वहीं विधानसभा चुनावों में दमोह जिले की हटा और पथरिया सीट से वो मप्र विधानसभा पहुंचकर कृषि मंत्री का पद कैबिनेट मंत्री के रूप में संभाल चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *