बीजेपी डॉ.केपी यादव ने सिंधिया के अभेद गढ़ को भेदा
भोपाल
सिंधिया परिवार का अभेद गढ़ इस बार ढह गया। इस परिवार की तीन पीढ़ियों ने अब तक इस सीट से 14 चुनाव अजय के रूप में इस सीट से लड़े, लेकिन इस बार भाजपा के डॉ.केपी यादव ने सिंधिया परिवार को हराकर उनके अभेद गढ़ को भेद दिया।
गुना लोकसभा से पहला चुनाव राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने 1957 में बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ था। इस चुनाव में उन्होंने हिन्दू महासभा के उम्मीदवार को हराया था। इसके बाद विजयाराजे सिंधिया ने 1967 में निर्दलीय यहां से चुनाव लड़ा और कांग्रेस उममीदवार देवराव जाधव को हराया। दो चुनाव जीतने के बाद इस सीट पर उनके बेटे माधवराव सिंधिया 1971 में जनसंघ के टिकट पर गुना से लोकसभा का चुनाव लड़े। उन्होंने भी कांग्रेस के जाधव को हराया।
माधवराव सिंधिया 1977 निर्दलीय चुनाव लड़े और जीते। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन कर ली और 1980 में वे कांग्रेस से पहला चुनाव लड़े और जीते भी। 1989 से लेकर 1998 के बीच हुए लोकसभा का चार चुनावों में यहां से विजयाराजे सिंधिया बतौर भाजपा उम्मीदवार यहां से चुनाव लड़ी और जीती। 1999 में माधवराव सिंधिया इस सीट से चुनाव जीते।
माधवराव सिंधिया के निधन के बाद हुए उपचुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया पहली बार इस सीट से जीते। इसके बाद वे 2004, 2009 और 2014 का चुनाव लगातार जीते। इस बार वे फिर से इस सीट से ही उम्मीदवार थे, लेकिन इस बार उनके अभेद किले को भाजपा के डॉ.के पी यादव ने तोड़ दिया।