बालाकोट के बाद पाकिस्तान सुधरा लेकिन डरा नहीं, जमीन से आसमान तक भारत ताकतवर

 
नई दिल्ली 

पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद जिस तरह भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी ठिकाने को ध्वस्त किया उसका असर अब तक महसूस किया जा रहा है। हालांकि, यह सवाल अपनी जगह बना हुआ है कि पाकिस्तान के शांति की बातें करने और आतंकियों को पनाह देकर छद्म युद्ध लड़ने का सिलसिला कब तक चलेगा? क्या भारत अपने पड़ोसी देश के होश ठिकाने ला सकता है? 
 
भारत की सैन्य ताकत के सामने पाकिस्तान बहुत कमजोर 
भारत पारंपरिक युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान को नाकों चने चबा सकता है। हमारे देश की थल सेना 12 लाख है, जबकि पाक इसके आधे से भी कम है। इंडियन आर्मी के पास पाक के मुकाबले 3 गुना टैंक हैं। इनमें से ज्यादातर टी-90 और टी-72 जैसे अडवांस टैंक हैं। पाकिस्तान का अल खालिद टैंक भारत के स्वदेशी मेन बैटल टैंक अर्जुन के मुकाबले भी कहीं नहीं ठहरता। अब तो हमारे पास एम-777 अल्ट्रालाइट हॉवित्जर आने भी शुरू हो गए हैं। 

वायु और नौसेना में भी इंडियन आर्मी ज्यादा ताकतवर 
भारतीय तोपखाने के पास 90 किमी तक मार करने वाले स्मर्ज रॉकेट लॉन्चर भी हैं। इंडियन नेवी पिछले 10 वर्षों में आधुनिक जंगी जहाजों से लैस हुई है। नेवी के पास 2 न्यूक्लियर सबमरीन हैं, जबकि इस मामले में पाक का खाता तक नहीं खुला है। भारत के पास एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रमादित्य है। स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर विक्रांत आ रहा है। पाकिस्तान का स्कोर यहां भी जीरो है। इसी तरह हमारी वायु सेना सुखोई-30 जैसे जेट से लेस है। राफेल से मारक क्षमता और बढ़ जाएगी। 

पाक की धमकियों का दौर जारी 
पाक को भी मालूम है कि पारंपरिक युद्ध में वह भारत का मुकाबला नहीं कर सकता। इसके बावजूद वक्त-बेवक्त न्यूक्लियर हमले की धमकी देता रहता है। दूसरी ओर भारत की पॉलिसी 'नो फर्स्ट यूज' की है। पाक को पारंपरिक युद्ध से सबक सिखाने की सोचने पर भारत को यह भी देखना होगा कि क्या वह तनाव इस स्तर तक बढ़ाने के लिए तैयार है, जहां पड़ोसी देश परमाणु हमले पर उतारू हो जाए। 

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