बांग्लादेश में हसीना की जीत भारत के लिए फायदे की बात

 नई दिल्ली 
शेख हसीना की अवामी लीग ने बांग्लादेश के आम चुनाव में जोरदार जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ वह लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनेंगी। उनकी यह जीत भारत के लिए अच्छी खबर है और इसकी नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी को इससे मजबूती मिलेगी। भारत ने चुनाव परिणाम का स्वागत करने में देर नहीं की और औपचारिक घोषणा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हसीना को जीत के लिए बधाई दी।  
 
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 'हम बांग्लादेश में संसदीय चुनाव सफलतापूर्वक होने का स्वागत करते हैं। लोकतंत्र, विकास और बंग बंधु शेख मुजीबुर्रहमान की सोच पर विश्वास जताने के लिए हम बांग्लादेश की जनता को बधाई दे रहे है।' मोदी ने हसीना को टेलीफोन पर चुनावी जीत की बधाई दी। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत और बांग्लादेश की साझेदारी हसीना की दूरदृष्टि वाली लीडरशिप में और मजबूत होगी। 

प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि भारत पड़ोसी के रूप में बांग्लादेश को बहुत महत्व देता है, जो क्षेत्रीय विकास, सुरक्षा और सहयोग में एक करीबी साझेदार है और भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट' पॉलिसी का मुख्य स्तंभ है। सबसे पहले बधाई देने के लिए हसीना ने मोदी को धन्यवाद दिया। आतंकवाद से लड़ाई, संपर्क मार्ग बनाने की पहल और क्षेत्रीय सहयोग के मामले में बांग्लादेश ने भारत का लगातार साथ दिया है। साउथ एशिया में चीन के बढ़ते दखल के बीच बंगाल की खाड़ी और उत्तर पूर्व में भारत की योजनाओं में हसीना एक बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। 

अवामी लीग की अगुवाई वाले गठबंधन को 300 सदस्यों वाली संसद में 288 सीटें मिलीं। हालांकि विपक्ष ने चुनाव को ‘ढोंग’ बताते हुए खारिज किया। मतदान के दौरान हिंसा में 18 व्यक्तियों की मौत हो गई और 200 से अधिक अन्य घायल हो गए। विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट (यूएनएफ) को सात सीटें मिली हैं जबकि अन्य को तीन सीटें मिलीं। विपक्षी नेशनल यूनिटी फ्रंट ने चुनाव आयोग से चुनाव को तत्काल रद्द करने और ‘निष्पक्ष अंतरिम सरकार’ के तहत नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की। 

फ्रंट के प्रमुख और वरिष्ठ वकील कमाल हुसैन ने बड़े पैमाने पर हुए फर्जीवाड़े का हवाला देते हुए चुनाव को ‘ढोंग’ बताया। हुसैन ने कहा, ‘हमारे पास सूचना है कि लगभग सभी सेंटरों पर धोखाधड़ी हुई है। (आपको चुनाव आयोग) यह चुनाव तत्काल रद्द करना चाहिए। हम तथाकथित परिणामों को खारिज करते हैं और एक निष्पक्ष सरकार के तहत नए चुनाव की मांग कर रहे हैं।’ बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने चुनावों को ‘क्रूर मजाक’ बताया। वह पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की अनुपस्थिति में पार्टी की कमान संभाल रहे हैं। 
 

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