बहुचर्चित एएनएम हत्याकांड: आरोपी के नार्को टेस्ट के बाद सरपंच समेत चार गिरफ्तार

महासमुंद
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में बीते 31 मई 2018 को किशनपुर में हुई बहुचर्चित एएनएम हत्याकांड एक मामले में नया मोड़ आ गया है. आरोपी के नार्को टेस्ट के बाद पुलिस ने एक और नया खुलासा करते हुए 4 और लोगों को गिरफ्तार किया है. इससे साफ है कि हत्या एक ने नहीं बल्कि पांच लोगों ने मिलकर की थी. इनमें से एक आरोपी सरपंच सुरेश खुटे पहले से ही पंचायत के काम में गड़बड़ी को लेकर 420 के केस में जेल में बंद है, जिसे पुलिस इस हत्याकांड मामले में गिरफ्तार कर लेगी.

बता दें कि एएनएम का एक आरोपी के साथ अवैध संबंध था, जिस कारण पांचों ने अनाचार करने के प्रयास में इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम दिया था. बहरहाल, पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए हत्या में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

पिथौरा थाना क्षेत्र के ग्राम किशनपुर में उस समय पूरा गांव सकते में आ गया था, जब 31 मई 2018 की सुबह उप स्वास्थ्य केंद्र किशनपुर में पदस्थ एएनएम योगमाया साहू, पति चेतन साहू और दो बच्चे तन्मय, कुणाल चारों की लाश आंगन में खून में सनी मिली थी.

गांव के सरपंच ने पुलिस को सूचना दी थी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जांच शुरू की. मामला बड़ा और संगीन होने की वजह से पुलिस पर भी दबाव बनने लगा. इस हत्याकांड के बाद आरोपियों को पकड़ना पुलिस के लिए चुनौती बन गई थी. हत्या के तीन दिन बाद ही पुलिस ने किशनपुर निवासी धर्मेन्द्र बरिहा को गिरफ्तार कर पूरे मामले का पटाक्षेप करते हुए अपनी कामयाबी दिखाई.

लेन देन के मामले में आरोपी धर्मेन्द्र बरिहा द्वारा जघन्य हत्या करने की बात करते हुए पुलिस अपनी पीठ थपथपा ली, लेकिन एएनएम के परिवार वालों को ये बात नहीं पची. उन्होंने पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की. इसके बाद उच्च अधिकारियों के आदेश पर पुलिस ने धर्मेन्द्र बरिहा का नार्को टेस्ट के लिए दिसंबर 2018 कोर्ट की अनुमति और आरोपी की सहमति में कराया. नार्को टेस्ट में जो सबूत निकलकर सामने आए, वो चौकाने वाले थे.

इस पूरी वारदात को एक नहीं 5 अन्य लोगों ने मिलकर अंजाम दिया था, जिसमें गांव के सरपंच सुरेश खुटे, गौरीशंकर केवट, फूल सिंह और अखण्डल प्रधान शामिल थे. पुलिस ने नार्को टेस्ट में मिले सबूतों के आधार पर बिना देरी किए सभी को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में पूरे मामला का खुलासा हो गया.

घटना के दिन ये पांचों आरोपियों ने जमकर शराब पी और नशे की गोली नाईट्रो टेन का सेवन किया थी. इसके बाद किसी से अनाचार की बात करने लगे. उसी समय फूल सिंह ने एएनएम योगमाया से अवैध संबंध की बात बताई, लेकिन बाकी आरोपियों ने विश्वास नहीं किया. तब फूल सिंह ने मोबाइल में फोटो दिखाया, जिसके बाद पांचों ने योगमाया से अनाचार करने का प्लान बनाया.

इसके बाद पांचों आरोपी रात में योगमाया के घर पहुंच गए. छत से आंगन में कूदने के बाद योगमाया का पति चेतन बाहर आया और इसी बीच हाथापाई शुरू हो गई. आरोपियों ने चेतन साहू को मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद आवाज सुनकर योगमाया वहां आ गई. इसके बाद आरोपियों ने योगमाया और उसके दोनों बच्चों की भी हत्या कर दी. इसके बाद आरोपियों ने सारे सबूद मिटाए और आपस में बातचीत की कि जो भी पकड़ा जाएगा वो बाकी लोगों के नाम नहीं बताएगा. इसके तहत धर्मेन्द्र ने सारा आरोप अपने उपर ले लिया, लेकिन नार्को टेस्ट ने सारी कलई खोल दी.

पुलिस ने इस पूरे मामले में तीन आरोपी को गिरफ्तार कर आईपीसी की धारा 201, 394, 396, 460, 34, 302 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है. दरअसल, इस मामले का एक आरोपी सरपंच सुरेश खुटे पहले से ही पंचायत के काम मेे गड़बड़ी के मामले में 420 के केस में जेल में बंद है.

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