बदले की भावना से पुलवामा अटैक दिया गया अंजाम

नई दिल्ली 
पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए। हालांकि, सुरक्षा बलों का मानना है कि इस हमले की स्क्रिप्ट काफी पहले से लिखी जा रही थी और निजी दुख का बदला लेने के लिए यह आतंकी हमला अंजाम दिया गया। 30 अक्टूबर 2018 को सुरक्षा बलों ने कश्मीर घाटी में जैश-ए-मोहम्मद के 2 प्रशिक्षित आतंकियों को मार गिराया। इनमें से एख उस्मान हैदर प्रशिक्षित आतंकी और जैश सरगना मसूद अजहर का भतीजा था। एनकाउंटर में मारा गया दूसरा शख्स शौकत जैश कमांडर मुदासिर खान का रिश्तेदार था।  अभी तक हुई जांच से यह पता चला है कि इस एनकाउंटर के बाद ही जैश-ए-मोहम्मद ने बदले के लिए सुरक्षा बलों पर पुलवामा अटैक की योजना बनाई। मुदासिर को जैश कमांडर का ओहदा 2017 में तब मिला जब नूर मोहम्मद तंत्री मारा गया। 4 फीट की हाइट वाले नूर मोहम्मद को नूरा त्राली के नाम से भी जाना जाता है। 

पैरोल से भागने में सफर रहा त्राली, कई आतंकी वारदात दिए अंजाम 
2003 में नूरी त्राली को अरेस्ट किया गया था और उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। 2015 में उसे 15 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया और वह सुरक्षा बलों को चकमा देकर भागने में सफल रहा। 26 दिसंबर 2017 को सुरक्षा बलों ने उसे मार गिराया। पैरोल पर जेल से बाहर निकलने के बाद नूरी त्राली ने कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया जिसमें अक्टूबर 2017 में श्रीनगर एयरपोर्ट के बाहर मंत्री के काफिले पर ग्रेनेड अटैक भी शामिल है। 

मुदासिर कुछ बड़ा अंजाम देना चाहता था 
जैश के चीफ ऑपरेटिव के तौर पर मुदासिर ने सुंजवान में फरवरी 2018 और फिर अप्रैल में सुरक्षा बलों पर हमले किए। जवाबी एनकाउंटर में मुदासिर के खास दोस्त इशफाक की मौत हो गई। इसके 6 महीने बाद ही मुदासिर का एक और करीबी शौकत भी एनकाउंटर में मारा गया। सुरक्षा बलों का कहना है कि इन मौत से मुदासिर व्यक्तिगत तौर पर काफी विचलित हुआ और उसने कुछ बहुत बड़ा करने की ठानी। 2017 में तलहा राशिद और फिर उस्मान की मौत ने मसूद अजहर को भी बेचैन कर दिया। दोनों मसूद के खास भतीजे थे। इन मौत का बदला लेने के लिए ही पुलवामा हमले की साजिश रची गई। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *