बजट में कम कर दिया गया मोदी की इन पसंदीदा योजनाओं का पैसा

 
नई दिल्ली     

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले मोदी सरकार ने अंतरिम बजट पेश किया. जो पूरी तरह चुनाव दिखाई दे रहा है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने किसानों और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं कर दी. किसानों को जहां 2 हेक्टेयर से कम जमीन वाले किसानों को हर साल 6 हजार रुपये देने के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की घोषणा की तो वहीं मध्य वर्ग को ध्यान में रखते हुए आयकर की सीमा 2.5 लाख से दोगुनी करते हुए 5 लाख रुपये कर दी.

भले ही मोदी सरकार ने बजट में किसानों और मध्यम वर्ग के लिए बड़ी घोषणाएं कीं, लेकिन कई योजनाओं का पैसा सरकार ने कम कर दिया. देखा जाए तो पिछले बजट में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 2600 करोड़ आवंटित किए गए थे, लेकिन इसमें 2181 करोड़ रुपये ही खर्च हुए. ऐसे में 2019-20 के बजट में सरकार ने इस योजना से 1700 करोड़ रुपये कम कर दिए और अब इस योजना का बजट 903 करोड़ रुपये रह गया है.

महाराष्ट्र के साथ छलावा?
मोदी सरकार ने महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा के सूखे इलाकों के लिए पिछले बजट में 500 करोड़ आवंटित किए गए थे. ताकि वहां के किसानों को राहत मिल पाए. लेकिन इस बजट में भी उसे सरकार ने कम कर 300 करोड़ रुपये कर दिया.

नमामि गंगे प्रोजेक्ट का बजट भी किया कम…
गौरतलब है कि चुनावी बजट में किसानों और मध्यवर्ग को खुश करने के लिए भले ही मोदी सरकार ने बंपर घोषणाएं की हों, लेकिन सरकार की महत्वकांक्षी नमामि गंगे प्रोजेक्ट का बजट कम कर दिया है. आंकड़ों पर नजर डाले तो 2018-19 में नमामि गंगे प्रोजेक्ट के लिए 2250 करोड़ रुपये दिए गए थे. लेकिन इसमें से केवल 700 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए. वहीं, 2019-20 के बजट में सरकार ने इस योजना से करीब 1500 करोड़ रुपये कम कर दिए हैं.

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का बजट भी घटा…
बजट में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना का बजट भी घटा है. 2018-19 में इस योजना का बजट 3400 करोड़ रुपये था, जो 2019-20 में 2989 यानी 400 करोड़ रुपये कम कर दिया गया है. यही नहीं, इस योजना से जुड़े स्किल ट्रेनिंग सेंटर, मॉडल आईटीआई के लिए बजट में सरकार ने कोई प्रावधान नहीं किया है.

साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की योजनाओं का भी कम हुआ बजट…
मोदी सर्कार ने बजट में साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग को रिसर्च के लिए दिए जाने वाले बजट को भी कम कर दिया गया है. 2018-19 के बजट में रिसर्च के लिए 609 करोड़ रुपये था जिसे घटाकर 493 रुपये कर दिया है.

और किन-किन का बजट किया कम…
बता दें कि बजट में वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने भले ही किसान और मध्य वर्ग के लिए तोहफे दिए हो, लेकिन स्वच्छ भारत अभियान का बजट, टेक्सटाइल मंत्रालय का बजट भी कम किया गया है.

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