फायदे ही नहीं कड़वे करेले खाने से होते है खतरनाक नुकसान, जाने किन लोगों को नहीं खाना चाहिए करेला
हम में से कई लोगों को करेला खाना बिल्कुल भी पसंद नहीं है, वजह इसका कसेला स्वाद। लेकिन बड़े-बुजुर्गों का मानना है कि करेला जितना कड़वा होता है उतना है सेहत के लिए फायदेमंद होता हैं। लेकिन कई विशेषज्ञो की इस बारे में अलग राय हैं, उनका मानना है कि ज्यादा करेला खाना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं। यदि आप जरुरत से ज्यादा करेले का सेवन करेंगे, तो ये आपके लिए कई समस्या दे सकता है। कई लोग डायबिटीज की समस्या से छुटकारा पाने के लिए और शरीर में इंसुलिन का स्तर संतुलित रखने के लिए करेले का सेवन करते हैं। लेकिन आपको बता दें कि करेला हमेशा डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद नहीं होता है। ऐसे कई लोग है जिन्हें करेले खाने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। क्योंकि बहुत सारे कैसेज में करेला का सेवन फायदें की जगह नुकसान पहुंचा सकता हैं। आइए जानते है किन लोगों को करेला खाने से परहेज करना जरुरी हैं।
लीवर की समस्या से जूझ रहे हैं तो
यदि आप लीवर से जुड़ी समस्या से परेशान हैं, तो आपको करेले से दूरी बना लेनी चाहिए। करेले में मौजूद लेक्टिन नाम का तत्व, जो लीवर में प्रोटीन के संचार में रुकावट पैदा करता है, लेक्टिन के कारण लीवर में एंजाइम बढ़ जाता है और इससे लीवर की समस्या बढ़ने लगती है।
प्रेगनेंसी में नहीं करे सेवन
प्रेग्नेंट महिलाओं को करेले का सेवन नहीं करना चाहिए। करेले के बीज में मौजूद मेमोरचेरिन तत्व गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। इतना ही नहीं इसके सेवन से गर्भपात की स्थिति भी हो सकती है।
डायबिटीज
डायबिटीज के मरीजों को भी ज्यादा करेला नहीं खाना चाहिए। जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन शरीर पर उल्टा प्रभाव डालने लगती है। करेले के अधिक सेवन से हीमोलाइटिक एनीमिया होने के ज्यादा चांसेस बढ़ सकते हैं।
बच्चों को न खिलाएं
हो सकता है ये पढ़कर आपके बच्चें खुश हो जाएं लेकिन आपको इस ओर ध्यान देना चाहिए कि करेले में पाए जाने वाले लाल बीज (करेले के बीज के आवरण पर बने हुए) आपके बच्चों के लिए टॉक्सिक हो सकते हैं। इससे बच्चों को उल्टी या डायरिया हो सकता है। अगर आपके बच्चों को करेले से एलर्जी है तो उन्हें इसे देने से परहेज करें।
हाइपोग्लाइकेमिक कोमा होने की सम्भावना
हाइपोग्लाइकेमिक कोमा, ये एक स्थिति है जो इंसुलिन के इंजेक्शन की अत्यधिक खुराक के कारण होती है। ये तब होता है जब रक्त में शर्करा का स्तर घटने लगता है। ऐसे कई मामलों से जुड़ी रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि कड़वे करेले के अधिक सेवन से अर्टियल फिब्रिलेशन (असामान्य हृदय ताल) की समस्या होने लगती है जो हाइपोग्लाइकेमिक कोमा की वजह बनती है। जिन लोगों की हाल ही में हार्ट सर्जरी हुई है उन्हें तो करेले से दूरी बना लेनी चाहिए।
करेला खाने से पहले ध्यान रखें ये बातें
– हमेशा गहरे हरे रंग के करेले ही खाएं। जिन करेलों पर नीले या ऑरेंज कलर के धब्बे हो, उन्हें खाने से बचें।
– करेले बनाने से पहले नमक के पानी में भिगोकर रखें। इससे उनका कड़वापन कम होता है।
– अगर आप करेले का जूस पीते हैं तो इसका कड़वापन कम करने के लिए इसमें गाजर या सेब का जूस मिला सकते हैं।