प्रिमच्योर ओवेरियन फेलियर से पीड़ित महिलाएं नहीं ले पातीं अच्छी नींद

हाल ही में एक स्टडी आयी है जिसमें कहा गया है कि वे महिलाएं जो प्रिमच्योर ओवेरियन फेलियर यानी प्रिमच्योर ओवेरियन इन्सफिशन्सी से पीड़ित होती हैं और हॉर्मोन थेरपी ले रही हैं, उन्हें अच्छी नींद नहीं आती और ऐसी हमउम्र महिलाओं के मुकाबले उन्हें अत्यधिक थकान महसूस होती है जिनकी ओवरी सही ढंग से काम कर रही हैं।

मेनॉपॉज़: द जर्नल ऑफ द नॉर्थ अमेरिकन मेनॉपॉज़ सोसायटी' में प्रकाशित स्टडी में पाया गया कि हॉर्मोन थेरपी लेने के बावजूद प्रिमच्योर ओवेरियन इन्सफिशन्सी (POI) से पीड़ित महिलाएं अच्छी नींद नहीं ले पातीं। आंकड़ों के मुताबिक, मेनॉपॉज़ की अवस्था में पहुंच चुकी महिलाओं में से 40-50 फीसदी महिलाएं अच्छी नींद न आने की शिकायत करती हैं। मसलन, उन्हें जल्दी नींद नहीं आती और अगर आती भी है तो ठीक तरह से नहीं आती।

नतीजा यह होता है कि इन महिलाओं को सिरदर्द से लेकर शरीर में दर्द, मूड स्विंग्स, थकान और चिड़चिड़ाहट होने लगती है। और तो और वे सही तरह से काम भी नहीं कर पातीं। प्रिमच्योर ओवेरियन फेलियर यानी प्रिमच्योर ओवेरियन इन्सफिशन्सी एक ऐसी स्थिति है जिसमें 40 साल की उम्र से पहले ही ओवरी सही तरह से काम करना बंद कर देती है व उससे एग रिलीज नहीं हो पाते। इसकी वजह से महिलाएं बांझपन की शिकार हो जाती हैं।

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