प्रहलाद सिंह टिपानिया का छलका दर्द, पार्टी पर फोड़ा हार का ठीकरा

इंदौस/देवास
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस मे उठा तूफान शांत होने का नाम नही ले रहा है। आए दिन नेताओं की जुबां से हार का दर्द छलक रहा है। कोई ईवीएम पर आरोप लगाया रहा है तो कोई अपनी ही पार्टी पर सवाल खडे कर रहा है। अब देवास सीट से कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रहे और प्रसिद्ध कबीर पंथी गायक प्रहलाद सिंह टिपानिया दर्द छलका है, उन्होंने उनकी हार का कारण कांग्रेस को बताया है साथ ही पार्टी पर जातिवाद की मानसिकता के गंभीर आरोप लगाए है। वही उन्होंने संगठन को लेकर भी कई सवाल खडे किए है।टिपानिया के इन आरोपों के बाद कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।

दरअसल, आज मीडिया से चर्चा के दौरान पद्मश्री प्रहलाद टिपानिया ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला और कहा कि कांग्रेस मे जातिवादी मानसिकता के लोग है। अनुसूचित जाति,जनजाति के प्रत्याशियों का कांग्रेस में बैठे ऊंची जाति के नेता सपोर्ट नहीं करते है इसका अनुभव इस चुनाव में हुआ. पार्टी के ऊंची जाति के नेता है, जमीनी कार्यकर्ताओं को तवज्जों नहीं मिलती है। वही टिपानिया ने संगठन पर सवाल उठाते हुए कहा कि कांग्रेस का संगठन केवल कागजों पर ही नजर आता है । पार्टी के बड़े नेता जमीनी हकीकत से बेख़बर हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस में गुटबाजी हार का बड़ा कारण है।पार्टी में समर्पित रूप से काम करने वाले कार्यकर्ताओं की कमी है।टिपानिया ने यही नही रुके उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस पार्टी मे चुनाव दौरान कोई ज़मीन पर नहीं उतरा । पार्टी के साथ ज़मीनी स्तर पर एक विचारधारा के साथ काम करने वाले लोग नही हैं कांग्रेस के प्रति समर्पित लोग हैं, लेकिन कोई उनके पास जाए ।

टिपानिया की गायकी देशभर में मशहूर है। लोकसभा चुनाव के दौरान खुद राहुल गांधी उनकी गायकी के कायल हो गए थे।जब वे उनके लिए प्रचार करने शुजालपुर पहुंचे थे।यहां उन्होंने टिपानिया के लिए जनता से वोट अपील की थी और मंच से वीणा बजाकर गाते हुए भी वीडियो भी कैप्चर किया था और अपने ट्वीटर हैंडलर पर शेयर किया था, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुआ था बावजूद इसके वह जीत नही पाए।

बता दे कि टिपानिया की मध्य प्रदेश में कबीर के भजन गाने वाले एक लोकनायक के रूप में पहचान रही है। वह भारत के अलग-अलग हिस्सों में गाने के अलावा विदेशों में भी शो करते हैं। मौजूदा लोकसभा चुनाव में वह अपने चुनाव प्रचार के दौरान अक्सर साज-बाज के साथ मंच पर नजर आए थे।हालांकि राजनीति में वह नया चेहरा है, लेकिन भारत सरकार भजन गायिकी के आधार पर ही उन्हें पद्मश्री से सम्मानित कर चुकी है।इस बार उन्होंने कांग्रेस से देवास लोकसभा सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी महेंद्र सिंह सोलंकी के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वे हार गए थे।

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