प्रयागराज: राम मंदिर के लिए कुंभ में 5,000 संत करेंगे संगम

  
प्रयागराज 

प्रयागराज में बुधवार से होने वाली विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) की धर्म संसद में देश और दुनिया के करीब पांच हजार संत शामिल होंगे। इसमें ढाई हजार संत तो कुंभ मेले में पहुंच चुके हैं जबकि इतने ही धर्म संसद में शामिल होने के लिए बुधवार तक कुंभ नगरी पहुंच जाएंगे। वीएचपी का लक्ष्य है कि देश के हर जिले का प्रतिनिधित्व धर्म संसद में हो। दो दिवसीय धर्म संसद 31 जनवरी से शुरू होगी और 1 फरवरी को राम मंदिर से संबंधित प्रस्ताव इसमें पेश किया जाएगा। संतों के इस समागम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत भी शामिल होंगे। 
 
वीएचपी के उपाध्यक्ष और केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के संयोजक जीवेश्वर मिश्र ने बताया कि राम मंदिर को लेकर वीएचपी की अब तक की सबसे बड़ी धर्म संसद कुंभ मेले में होने जा रही है। ऐसा प्रयास किया जा रहा है कि धर्म संसद में देश के हर जिले की नुमाइंदगी हो। यही नहीं, विदेश में रह रहे संतों को भी आमंत्रित किया गया है। वनवासी क्षेत्रों से लेकर कश्मीर, उत्तराखंड और केरल-तमिलनाडु के संतों को भी इसमें आमंत्रित किया गया है। वीएचपी की कोशिश राम मंदिर पर पूरे देश के संतों को एक मंच पर लाना है ताकि उनसे ऐसा मार्गदर्शन मिले जो आगामी आंदोलन का रास्ता तय कर सके। 
 
बताया जा रहा है कि धर्म संसद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत दोनों दिन मौजूद रहेंगे। पहले से तय मुद्दों के अलावा भी संत नए मुद्दे संसद में रख सकते हैं। हालांकि सबसे अहम मुद्दा राम मंदिर ही होगा। इसके साथ ही सबरीमाला और हिन्दुओं की आस्था पर हो रहे हमले पर भी प्रस्ताव लाए जाएंगे। 

वीएचपी के उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्र ने केन्द्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के लिए अधिग्रहीत भूमि राम जन्मभूमि न्यास को लौटाने के लिए ऐप्लिकेशन देने को राम मंदिर निर्माण के लिए पहला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इससे आंदोलन को गति मिलेगी, लेकिन हमें तो 67 एकड़ भूमि चाहिए। इसमें 2.7 एकड़ भूमि भी शामिल है, जिस पर रामलला विराजमान हैं। वीएचपी उपाध्यक्ष ने कहा कि मंदिर तो राम जन्मभूमि पर ही बनेगा। इससे कम कुछ भी स्वीकार्य नहीं है। 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *