प्रदेश के लाखों कर्मचारियों को राहत, वेतन पर संकट टला

भोपाल
प्रदेश के साढ़े 6 लाख कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है| साॅफ्टवेयर में मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड नहीं होने के कारण अब सरकारी कर्मचारियों का वेतन नहीं रोका जाएगा| कर्मचारियों के विरोध के बाद सरकारी फरमान पर रोक लगा दी गई है|  अब संचालनालय कोष एवं लेखा के सॉफ्टवेयर में मोबाइल नंबर दर्ज नहीं होने के बाद भी कर्मचारियों को मार्च महीने की सैलरी मिलेगी। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी अफसरों को मौखिक निर्देश दिए हैं कि किसी भी वजह से कर्मचारी को वेतन से वंचित नहीं रखा जाए। वहीं नंबर अपडेट कराने के लिए कर्मचारियों को तीन महीने की मोहलत दी जाए। लेकिन इस दौरान किसी की भी सैलरी नहीं रोकी जाए। इस पहले आयुक्त काेष एवं लेखा ने सभी संयुक्त संचालकों एवं समसत कोषालय अधिकारियों को आदेश जारी कर कहा था कि काेष एवं लेखा संचालनालय के साॅफ्टवेयर में कर्मचारियों के मोबाइल नंबर जब तक रजिस्टर नहीं होंगे, तब तक वेतन नहीं मिलेगा| जिसके बाद कर्मचारी संघ ने इसका विरोध किया था|  

दरअसल, कोष एवं लेखा आयुक्त के एक फरमान से कर्मचारियों में हड़कंप मच गया था और इस वजह से कर्मचारियों के वेतन पर संकट आ गया था|  आयुक्‍त कोष एवं लेखा ने समस्‍त कोषालय अधिकारियों को निर्देश जारी किये थे कि प्रदेश के कर्मचारियों का मार्च माह का वेतन जिसका भुगतान अप्रेल में किया जाना है का आहरण तब ही किया जायें जब कर्मचारियों का मोबाइल नम्‍बर आई एफ एम आई एस के कर्मचारी विवरण में दर्ज हो जायें। आयुक्‍त कोष एवं लेखा के इस फरमान से प्रदेश के हजारों कर्मचारियों का वेतन अटक जाने का खतरा पैदा हो गया था क्‍योंकि अनेक विभागों के आहरण एवं संवितरण अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों के मोबाईल नम्‍बर एवं इमेल कर्मचा‍री विवरण में दर्ज नही किये थे । इस संबंध में मध्‍यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्‍मीनारायण शर्मा ने इस तुगलकी फरमान का विरोध कर कर्मचारियों के वेतन न रोके जाने की मांग की थी जिस पर मुख्‍यमंत्री ने तुरंत कार्यवाही करते हुए निर्देश जारी किये । विरोध के बाद खुद मुख्यमंत्री हरकत में आए और वित्त विभाग के अफसरों को निर्देश देकर इस आदेश को रद्द कराया और अफसरों को निर्देश दिए कि वो कर्मचारियों को मोहलत देकर उनका नंबर अपडेट कर लें। शर्मा ने कर्मचारी का वेतन न रोके जाने के निर्देश दिये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया है|  

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