प्रज्ञा ठाकुर, आजम खान सहित कई विवादास्पद नाम भी जीतने में सफल

 नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव के दौरान अपने बयानों को लेकर विवादों में रही भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर से लेकर सपा के आजम खान तक ने अपनी-अपनी सीट पर जीत दर्ज की है। लगभग दो महीनों से अधिक समय तक चले चुनाव प्रचार के दौरान विवादित टिप्पणी करने वाले उम्मीदवारों में भाजपा के गिरिराज सिंह, नलिन कुमार कतील, अनंतकुमार हेगड़े, तेजस्वी सूर्या, सनी देओल और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह भी शामिल हैं। उनकी विवादित टिप्पणी के चलते कई बार चुनाव आयोग ने उनके चुनाव प्रचार करने पर रोक भी लगाई। साथ ही, उन्हें उनकी पार्टी ने फटकार भी लगाई।

वर्ष 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी एवं मध्य प्रदेश में भोपाल सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर ने 3,64,822 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। वह महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त ' बताने को लेकर हाल ही में विवादों में रही थी। भाजपा का गढ़ माने जाने वाले भोपाल में प्रज्ञा को 8,66,482 वोट मिले। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं कांग्रेस उम्मीदवार दिग्जिवय सिंह को हराया। सिंह को 5,01,279 वोट मिले। हालांकि, प्रज्ञा को 26/11 मुंबई हमलों में शहीद हुए आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे पर अपनी ‘शाप' संबंधी टिप्पणी को लेकर माफी मांगनी पड़ी। चुनाव आयोग ने उनकी नफरत भरी टिप्पणी को लेकर उनके चुनाव प्रचार करने पर पाबंदी लगा दी थी।
वर्ष 2014 में भाजपा के आलोक संजर ने 3,70,696 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। चुनावों के लिए देश के तैयार होने से ठीक पहले कांग्रेस के दिग्विजय सिंह ने इस साल मार्च में कहा कि पुलवामा हमला एक ‘दुर्घटना' थी। वहीं, उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान भी रामपुर सीट से एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत गए। उन्हें अपनी पूर्व सहकर्मी और अदाकारा से नेता बनी जया प्रदा के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने को लेकर व्यापक रोष का सामना करना पड़ा। जया प्रदा, चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गई थी और इस सीट पर उनकी प्रतिद्वंद्वी थी।

अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर प्राथमिकी का सामना कर रहे खान को 5,59,177 वोट मिले, जबकि जया प्रदा को 4,49,180 वोट मिले। इस सीट पर भाजपा के नेपाल सिंह ने 2014 के चुनाव में 23,435 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। वहीं, बिहार में भाजपा के गिरिराज सिंह बेगूसराय में 4,22,217 वोटों के अंतर से विजयी घोषित हुए हैं। जबकि वहां उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कन्हैया कुमार को 2,69, 976 वोट मिले। सिंह को कुल 6,92,193 वोट मिले। मार्च में सिंह ने कथित तौर पर कहा था कि प्रधानमंत्री की आगामी रैली में शामिल नहीं होने को ‘राष्ट्र विरोधी' माना जाएगा जबकि वह खुद उस रैली में नहीं गए थे। बेगूसराय सीट पर 2014 में भाजपा के भोला सिंह ने 58,335 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। 

उधर, दक्षिण भारत में भाजपा के नलिन कुमार कतील कर्नाटक की दक्षिण कन्नड सीट से चुनाव जीत गए हैं। भाजपा उम्मीदवार एवं दक्षिण कन्नड सीट से मौजूदा सांसद भी गोडसे विवाद में कूद गए। दरअसल, उन्होंने गोडसे की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी से की थी। कतील ने ट्वीट किया, ‘गोडसे ने एक को मारा, कसाब ने 72 को, राजीव गांधी ने 17,000 की हत्या की।'

हालांकि बाद में वह अपने बयान से मुकर गए थे। कतील इस सीट पर 2,74,621 वोटों के अंतर से विजयी घोषित हुए हैं। उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के मिथुन एम राय थे। कतील को 7,74,285 वोट मिले। भाजपा ने उन्हें और कर्नाटक की उत्तर कन्नड़ सीट से अपने उम्मीदवार एवं केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगड़े को भी उनकी टिप्पणियों को लेकर फटकार लगाई। मौजूदा सांसद हेगड़े ने 7,86,042 वोट हासिल कर इस सीट पर जीत हासिल की और जेडीएस उम्मीदवार आनंद अस्नोतीकर को हराया।
वहीं, कर्नाटक में बेंगलुरू दक्षिण सीट से भाजपा के युवा नेता तेजस्वी सूर्या भी चुनाव जीत गए हैं। उन्होंने पिछले एक साल में कई विवादास्पद बयान दिए थे। हालांकि, कई बयान से मुकर गए जबकि कुछ को ट्विटर पर मिटा दिया। उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया था, ‘उफ हिंदू ! आप कब समझेंगे कि आज कांग्रेस को वोट देना कल के मुस्लिम लीग के लिए वोट है ?' सूर्या को 7,39,229 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के बी. के. हरिप्रसाद को हराया।

वर्ष 2014 में यह सीट भाजपा के अनंत कुमार ने जीती थी, जिनकी पिछले साल मृत्यु हो गई।पंजाब में गुरदासपुर से भाजपा उम्मीदवार सन्नी देओल को 5,58,719 वोट मिले और उन्होंने कांग्रेस के सुनील जाखड़ को हराया, जिन्हें 4,76,260 वोट मिले। देओल बालाकोट एयरस्ट्राइक पर अपने एक असमान्य जवाब के चलते चर्चा में रहे थे। दरअसल उन्होंने कहा था कि वह ज्यादा कुछ नहीं जानते लेकिन सिर्फ लोगों की सेवा करना चाहते हैं। इस सीट पर भाजपा के विनोद खन्ना ने 2014 में जीत हासिल की थी।

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