पोरसा में तानाशाह हुए BEO

पोरसा
आज जहाँ लोग कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहे है वहाँ पोरसा में अध्यापक / शिक्षक संवर्ग को फरवरी के वेतन आज दिनाँक तक नही मिला। जानकारी तो यहाँ तक है कि BEO की हठधर्मिता के कारण वेतन जैसे अतिआवश्यक कार्य मे कोई रुचि नही ली जा रही है। कुछ समय पहले पत्रिका ने खबर भी प्रकाशित की थी कि BEO पोरसा महीने में कुछ दिन आ कर पूरे साइन कर जाते है । तब भी उन्होंने अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को पद का पावर दिखाते हुए नोटिस जारी किए थे जिस पर आज दिनाँक तक कोई संतोष जनक कार्यवाही नही हुई थी। जबकि कलेक्टर मेडम कई बार मीटिंग में स्पस्ट निर्देश दे चुकी है कि कोई भी कर्मचारी न आने बाले दिन की हस्ताक्षर करता है तो उस पर कार्यवाही की जायेगी।

मजे की बात तो ये है कि कर्मचारियों की समश्या के समन्ध में कर्मचारी संघ जब ज्ञापन देते है तो लेने के लिए कभी भी स्वंय उपस्थित नही होते। अभी हाल ही में 17/03/2020 को तहसीलदार महोदय द्वारा श्री मान कलेक्टर महोदय को ज्ञापन दिया गया। उसके उपलक्ष्य में BEO पोरसा द्वारा शासकीय ग्रुप BEO पोरसा में पत्र डाला गया जिसमें अपने कार्य न करने का जिम्मेदार संघो के द्वारा दिये जाने वाला ज्ञापन बताया । अब कुछ संकुल विशेष का वेतन उनके द्वारा जानबूझकर रोका गया है। चुकी उनका हेडक्वार्टर पोरसा है फिर भी वो मुरैना और अंबाह से ज्यादातर कार्य संपादित करते है। पोरसा में वेतन की स्थिति जब से ये आये है तब से कभी महीने के आखरी 20 तारीख से पहले कभी भी भुगतान नही हुआ है। कर्मचारियों को वेतन एवं एरियर के समन्ध में कई बार उनके द्वारा यहाँ तक कहा गया की भूखे मर रहे हो। अब सवाल यह उठता है कि क्या अपना वेतन या एरियर मांगना भूखा मरना है?

पोरसा में कई कर्मचारी ऐसे है जो घरों से 300- 400 km दूर सिर्फ वेतन के आधार पर काम कर रहे है अगर उन्हें समय पर वेतन भी प्राप्त नही होगा तो वो कैसे अपना जीवन यापन करेगे। कोरोना महामारी के चलते कई कर्मचारी संघ कलेक्टर मेडम से स्वंय कार्यवाही हेतु मिलना चाहते थे अगर कार्यवाही नही हुई तो पोरसा में उग्र आंदोलन कर्मचारी संघो के द्वारा किया जायेगा।

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