पूर्व भारतीय क्रिकेटर माधव आप्टे का 86 साल की उम्र में निधन
मुंबई
भारतीय क्रिकेटर माधव आप्टे का सोमवार सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। आप्टे के बेटे वामन आप्टे ने बताया कि पूर्व ओपनर ने सुबह छह बजकर नौ मिनट पर ब्रीच कैंडी अस्पताल में आखिरी सांस ली। 1950 के दशक के क्रिकेटर माधव आप्टे ने अपने करियर में सात टेस्ट मैच खेले और 49.27 की औसत से 542 रन बनाए, जिसमें केवल एक शतक शामिल है। इसके अलावा प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 67 मैचों में 3336 रन बनाए हैं।
इन सात मैचों की पारियों में उन्होंने एक शतक और तीन अर्धशतक भी लगाए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में माधव ने 16 अर्धशतक और 6 शतक लगाए थे। माधव आप्टे ने नवंबर 1952 में पाकिस्तान के खिलाफ क्रिकेट क्लब आफ इंडिया में टेस्ट पदार्पण किया और अपना अंतिम टेस्ट अप्रैल 1953 को किंग्सटन में वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला। उन्होंने अपने पदार्पण टेस्ट में 30 और नाबाद 10 रन की पारियां खेली। वह किसी टेस्ट सीरीज में 400 से अधिक रन बनाने वाले पहले भारतीय सलामी बल्लेबाज थे। उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 1953 में 460 रन बनाकर यह उपलब्धि हासिल की।
माधव आप्टे को एक अन्य दिग्गज बल्लेबाज वीनू मांकड़ ने सलामी बल्लेबाज की भूमिका सौंपी थी। वह बाद में घरेलू क्रिेकेट में मुंबई के कप्तान भी बने। वह अपने करियर के दौरान मांकड़, पोली उमरीगर, विजय हजारे और रूसी मोदी जैसे दिग्गज खिलाड़ियों के साथ खेले। वह प्रतिष्ठित सीसीआई के अध्यक्ष भी रहे।
वरिष्ठ उद्यमी और पूर्व क्रिकेटर माधव लक्ष्मणराव आप्टे की आत्मकथा कुछ साल पहले प्रकाशित हुई थी। उन्होंने 1952 से 53 तक एक वर्ष के दौरान सात टेस्ट में भाग लिया। 5 अक्टूबर 1932 को आप्टे का जन्म हुआ था। उनके दादा ने कपड़ा उद्योग और चीनी कारखाने शुरू किए। मुंबई के एक स्कॉटिश स्कूल में पढ़ाई करते हुए उन्हें क्रिकेट खेलने का शौक हुआ। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से अपनी कला स्नातक की डिग्री पूरी की।
1948 में, वीनू मांकड़ के मार्गदर्शन में, आप्टे ने एक स्पिन गेंदबाज के रूप में अपना करियर शुरू किया। वह एक शानदार बल्लेबाज भी थे। उन्होंने 20 साल की उम्र में पहली बार 1951 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में खेलना शुरू किया। उस समय वह भारतीय विश्वविद्यालयों की टीम से खेलते थे। 1951-52 में, वह रणजी ट्रॉफी के लिए सौराष्ट्र टीम के खिलाफ उतरे थे। माधव आप्टे के पास उस समय मौका मिला था, क्योंकि विजय मर्चेंट को चोट के कारण टीम से हटना पड़ा था। उसी वर्ष, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का मौका मिला।
आप्टे अकेले ऐसे क्रिकेटर रहे हैं, जिन्होंने डीबी देवधर और सचिन तेंदुलकर दोनों के साथ क्रिकेटर खेला है। उन्हें मुंबई चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष के रूप में भी देखा गया था। वह आप्टे समूह की कंपनियों के अध्यक्ष थे।