पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए ‘मिशन 250’ में जुटी बीजेपी, इन दो रणनीतियों पर कर रही है काम

कोलकाता 
लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित बीजेपी ने अब विधानसभा के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। सूबे में 2021 में चुनाव होने हैं और बीजेपी की नजर सत्ता में काबिज होने पर है। बंगाल विधानसभा चुनाव की अपनी रणनीति के तहत बीजेपी दो मोर्चों पर काम कर रही है, पहला टीएमसी के जनाधार वाले नेताओं को शामिल करना और दूसरा, जमीनी स्तर पर अपने संगठन को मजबूती देना।  

294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 'मिशन 250' का लक्ष्य तय किया है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि तृणमूल को 22 सीटें मिलीं। भले ही टीएमसी ने बीजेपी से 4 सीटें ज्यादा हासिल कीं, लेकिन यह पहला मौका है, जब भगवा दल ने पश्चिम बंगाल में इतनी सीटें हासिल कीं। 

एक तरफ टीएमसी खुद को बंगाली प्राइड से जोड़ती रही है तो दूसरी तरफ बीजेपी ने खुद को बंगाली समाज के हितों से जोड़ने की कोशिश की है। इसके अलावा बीजेपी ने यहां नौकरियों के अवसर पैदा करने, नागरिक संशोधन विधेयक लाने और नैशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजंस तैयार करने का वादा किया है। इससे भी पार्टी को कुछ बढ़त मिलने की उम्मीद है। ये मुद्दे राष्ट्रवाद, पहचान और जरूरत से जुड़े हैं। 

पश्चिम बंगाल की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बीजेपी की तैयारियों को बहुत महत्व नहीं देना चाहती। टीएमसी का कहना है कि पश्चिम बंगाल में राज करने का बीजेपी का सपना कभी सफल नहीं होगा। लोकसभा चुनाव में बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 40.5 पर्सेंट वोट मिले हैं और सूबे की 6 विधानसभा सीटों पर कब्जा है। 

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'लोकसभा सीटों के लिए हमने 23 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था और 18 पर जीत हासिल की। अब सूबे में हमारा लक्ष्य 250 सीटें जीतना है। हम अपनी चुनावी रणनीति तैयार करेंगे और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए काम शुरू करेंगे।' 

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