नीरव मोदी ब्रिटिश प्रशासन, इंटरपोल को धोखा देकर रद्द भारतीय पासपोर्ट पर अमेरिका घूम आया

 
नई दिल्ली     

13000 करोड़ के गबन का आरोपी हीरा व्यवसायी नीरव मोदी ब्रिटिश प्रशासन और  इंटरपोल को धोखा देकर फरवरी महीने में अमेरिका घूमने गया था. ऐसा उसने तब किया जब उसके नाम पर इंटरपोल का रेड कॉर्नर नोटिस जारी है. नीरव मोदी की अमेरिका यात्रा से भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटिश प्रशासन की कार्यप्रणाली पर आपत्त‍ि जताई है. ब्रिटिश प्रशासन ने पूछा गया कि इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस और रद्द पासपोर्ट के बावजूद उसे अमेरिका यात्रा की अनुमति कैसे मिली.

नियमानुसार, जब भी किसी के नाम पर रेड कॉर्नर नोटिस जारी होता है, तब उसे किसी भी देश की इमीग्रेशन अफसर हिरासत में ले सकते हैं. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि नीरव मोदी कैसे अमेरिका गया. भारतीय एजेंसियों के पास नीरव मोदी की यात्रा की विस्तृत जानकारी है. इसमें उसका टिकट भी है. इन दस्तावेजों का उपयोग बतौर सबूत तब किया जाएगा जब वह कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी डालेगा. वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी को 26 अप्रैल तक जेल भेज दिया है. भारतीय एजेंसियां लगातार इस प्रयास में हैं कि ब्रिटेन से नीरव मोदी का प्रत्यर्पण कर उसे भारत लाया जाए.

क्या कहा था लंदन की अदालत ने

बता दें कि नीरव मोदी को 19 मार्च में लंदन में गिरफ्तार कर लिया गया था. लंदन की अदालत में उसके प्रत्यर्पण का मुकदमा चल रहा है. गिरफ्तारी वाले दिन ही नीरव मोदी के वकील ने जमानत की अर्जी लगाई थी, लेकिन कोर्ट ने उसे रद्द करते हुए 29 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया था. 29 मार्च को मामले की दोबारा सुनवाई हुई. नीरव मोदी ने एक बार और जमानत याचिका लगाई, लेकिन वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट्स कोर्ट ने 48 साल के नीरव मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया. अदालत ने नीरव मोदी की हिरासत 26 अप्रैल तक बढ़ा दी है.

जज ने कहा था कि नीरव मोदी की वजह से बैंक को बड़ा नुकसान हुआ है. साथ ही नीरव मोदी ने इस मामले से जुड़े सबूत भी नष्ट किए हैं. नीरव मोदी के वकील ने कोर्ट में कहा कि नीरव का बेटा अमेरिका में अकेले रहता है. नीरव को यूएई और सिंगापुर में स्थायी निवास की अनुमति भी नहीं मिली है. इसलिए नीरव को सशर्त जमानत दी जाए.

वहीं, भारतीय एजेंसियों की तरफ मामले को देख रही क्राउन प्रॉजीक्यूशन सर्विस ने कोर्ट में बताया कि नीरव मोदी ने गवाह को जान से मारने की धमकी दी थी. साथ ही दूसरे को रिश्वत देने का प्रयास किया था. बता दें कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पंजाब नेशनल बैंक से 13 हजार करोड़ के घोटाले के आरोपी हैं.

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