नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ 1000 वैज्ञानिकों और विद्वानों ने साइन की पिटिशन

नई दिल्ली

नागरिकता संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग वाली पिटिशन पर 1,000 से ज्यादा वैज्ञानिकों और स्कॉलर्स ने साइन किए हैं। जाने-माने विद्वान प्रताप भानु मेहता ने कहा कि यह विधेयक देश को 'असंवैधानिक धर्मसत्ता' के शासन में तब्दील कर देगा। वैज्ञानिकों और अकादमिक जगत के विद्वानों ने कहा कि नागरिकता के लिए धर्म की अनिवार्यता करना संविधान के मूल ढांचे के विपरीत है।

सोमवार को देर रात लोकसभा ने 311 वोटों के साथ इस बिल को पारित किया है, जबकि बुधवार को दो बजे इसे राज्यसभा में पेश किया जाना है। इस विधेयक में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, सिख और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रस्ताव है।

 

मंदर बोले, मैं खुद को मुस्लिम के तौर पर दर्ज कराऊंगा

इस बिल के लोकसभा से पास होने के बाद सिविल राइट्स ऐक्टिविस्ट हर्ष मंदर ने कहा कि यदि यह बिल मंजूर होता है तो वह नागरिक अवज्ञा आंदोलन करेंगे। हर्ष मंदर ने ट्वीट किया, 'मैं आधिकारिक रूप से खुद को मुस्लिम दर्ज करूंगा। इसके अलावा मैं एनआरसी के लिए कोई भी दस्तावेज नहीं दूंगा। मैं अपने लिए वैसी ही सजा की मांग करूंगा, जैसी किसी ऐसे मुस्लिम को मिलेगी, जिसकी नागरिकता वापस ली गई हो। आप भी इस आंदोलन से जुड़ें।'

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *