नरेंद्र मोदी की दोबारा बंपर जीत से राष्ट्रीय राजनीति में बदलीं ये 6 चीजें

 
नई दिल्ली 

पीएम नरेंद्र मोदी 2019 के लोकसभा चुनाव में 2014 से भी मजबूत बनकर उभरे हैं। इस चुनाव में बीजेपी को 37.4 फीसदी वोट मिले हैं, जो पिछली बार से अधिक है। यही नहीं बीजेपी को अकेले अपने दम पर 303 सीटें मिलीं, जो पिछली बार से 21 अधिक हैं। भगवा दल की इस जीत के बड़े मायने हैं और इसका आने वाले दिनों में देश की राजनीति में गहरा असर रहने वाला है। आइए जानते हैं क्या होंगे इस जीत के  

मजबूत होगा भगवा 
बीजेपी की यह जीत पीएम नरेंद्र मोदी की 'हिंदुत्व प्लस विकास' की राजनीति की जीत है। बीफ बैन और नेहरू पर जंग, सरदार पटेल और आंबेडकर को उनका स्थान देना और क्षेत्रीय नायकों को महत्व देकर बीजेपी ने हिंदुत्व के साथ ही सामाजिक समीकरणों को भी साधा है। इसके अलावा सड़कों और शौचालयों के बड़े पैमाने पर निर्माण से भी बीजेपी के पक्ष में माहौल बना है। ये नतीजे बीजेपी की इस राजनीति पर मुहर लगाते हैं। 
 

जातियों पर भारी हैं वेलफेयर स्कीम 
2019 में नरेंद्र मोदी एक बार फिर जनता के बंपर आशीर्वाद की वजह गरीबों के लिए चलाई गई स्कीमें हैं। इनके चलते गरीबों के बीच मोदी की विश्वसनीयता बढ़ी है। कुकिंग गैस, पावर कनेक्शन, हेल्थ इंश्योरेंस, बैंक अकाउंट्स, किसानों के लिए इनकम सपोर्ट स्कीम के चलते पीएम मोदी ने जातियों से परे समाज में एक ऐसा वर्ग तैयार किया है, जो वेलफेयर स्कीमों के चलते उन्हें वोट दे रहा है। 
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बढ़ेगी पीएम मोदी की राष्ट्रीय अपील 
चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर से पीएम मोदी को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए मजबूत नेता के तौर पर पेश किया था। पुलवामा में हुए आतंकी हमले और उसके बाद बालाकोट की एयर स्ट्राइक ने भी इसके लिए माहौल तैयार करने का काम किया। बीजेपी ने कांग्रेस को आतंकवाद के मसले पर कमजोर दल के तौर पर पेश किया। भावनात्मक मुद्दों पर मोदी ने विपक्ष को अलग-थलग कर दिया है। आने वाले समय में मोदी की राष्ट्रीय राजनीति में अपील और बढ़ेगी। 
 
जारी रहा निर्णायक वोट का ट्रेंड 
2007 में बीएसपी ने यूपी में जब पूर्ण बहुमत से चुनाव जीता था, तब शायद 21वीं सदी की भारतीय राजनीति में पहला मौका था, जब जनता ने किसी सरकार को इस तरह चुना था। इसके बाद फिर चाहे अखिलेश यादव की सरकार हो या फिर 2014 में मोदी की केंद्र में जीत और उसके बाद 2017 में बीजेपी को यूपी में मिली जीत की बात हो। इन सभी में जनता ने स्पष्ट जनादेश दिया। 2019 में एक बार फिर से लोगों ने एकतरफा मोदी के पक्ष में वोट दिया है। 
 
जातियों पर भारी आकांक्षाएं 
भारतीय राजनीति से अभी जाति का अंत नहीं हुआ है, लेकिन इसका असर जरूर कम हुआ है। बीजेपी ने जिस तरह की जीत हासिल की है, वह साबित करती है कि शहरी और ग्रामीण इलाकों में एक ऐसा वर्ग तैयार हुआ है, जो जातियों से परे अपनी आकांक्षाओं के आधार पर वोट कर रहा है। यही नहीं वंश और परिवारों की राजनीति से भी परे हटते हुए लोगों ने मोदी को वोट दिया है। इस वर्ग के लिए अवसर, ग्रोथ और राष्ट्रीय गर्व मुख्य विषय रहे हैं। 
 
किनारे लगा मुस्लिम वोटबैंक 
बीएसपी और एसपी को यूपी में कुछ सीटें मिलने की वजह से लोकसभा में मुस्लिम सांसदों की संख्या में इजाफा होगा। हालांकि इसके बाद भी यह एक बार फिर से साबित हुआ है कि मुस्लिम राजनीति के केंद्र रहे यूपी, पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, केरल और महाराष्ट्र में यह फैक्टर एक तरह से खत्म हुआ है। बीजेपी ने एक तरह से 'मुस्लिम वीटो' को खत्म किया है। बीजेपी ने अपने अपर कास्ट वोटों के साथ ही सोशल री-इंजिनियरिंग की है और मुस्लिम वोटों की एकजुटता को परास्त किया है। 

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