धरना खत्म कर बोलीं ममता, इस्तीफा देकर गुजरात लौटें PM

कोलकाता        
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 3 दिनों के बाद धरना खत्म कर दिया. आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू के कहने पर ममता आखिरकार धरना तोड़ने पर राजी हुईं. लेकिन इसके साथ ही दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ अगले हफ्ते उन्होंने हल्लाबोल बोलने का ऐलान भी कर दिया है.

12 फरवरी को जा सकती हैं दिल्ली

कोलकाता में धरना खत्म करने का ऐलान करने के बाद ममता बनर्जी अब दिल्ली कूच की तैयारी में हैं. कोलकाता के मंच से ममता ने कहा कि 12, 13 और 14 फरवरी को दिल्ली में मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन पर चर्चा चल रही है.

नायडू के मनाने पर मानीं ममता

ममता को मनाने के लिए मंगलवार शाम आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पहुंचे. उन्होंने कहा कि 23 पार्टियों ने ममता बनर्जी से धरना खत्म करने की अपील की है. ये लड़ाई अब दिल्ली में लड़ी जाएगी. वहीं ममता ने कहा कि मैं देश को एकजुट करने की कोशिश कर रही हूं. ममता ने अपनी पुलिस का फिर से बचाव किया. धरना खत्म करने का ऐलान करते हुए ममता ने कहा कि पीएम मोदी सब पर कब्जा करना चाहते हैं. उन्हें अब दिल्ली छोड़ गुजरात जाना होगा.

46 घंटे चला धरना

गृह मंत्रालय के पत्र पर ममता ने कहा कि उसका जवाब दिया जाएगा. ये फालतू की चीज है. ममता ने कहा कि वे अगले सप्ताह दिल्ली जाएंगी. देश को बचाना है तो मोदी को हटाना होगा. ये धरना भारत और लोकतंत्र को बचाने के लिए था. हमारे आईएएस और आईपीएस के लिए था. ममता बनर्जी रविवार रात नौ बजे के करीब मेट्रो चैनल गेट पर धरना देने बैठी थीं. उनका ये धरना तकरीबन 46 घंटे बाद मंगलवार शाम साढ़े 6 बजे खत्म हुआ.

फिर साबित किया गठबंधन की सबसे बड़ी नेता

पिछले तीन दिनों में ममता बनर्जी ने एक बार फिर साबित किया कि वे ही महागठबंधन की सबसे बड़ी नेता हैं. लगातार क्षेत्रीय पार्टियों के नेता ममता के धरने पर पहुंचे और अपना अपना समर्थन जताते रहे. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव कल कोलकाता पहुंचे थे और अब आज आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू भी ममता के मंच पर पहुंचे. चुनावी घड़ी में मोदी विरोध की सियासत में ममता की बढ़त को चंद्रबाबू ने बिना लाग लपेट के कबूल भी कर लिया.

सीबीआई के नाम पर सीधी लड़ाई

सीबीआई से शुरू होने वाली ये लड़ाई बाद में केंद्र बनाम ममता सरकार हो गई. गौरतलब है कि चंद्रबाबू पहले शख्स थे जिन्होंने सीबीआई को अपने राज्य में घुसने से बैन कर दिया था. इसी सिलसिले को ममता ने भी आगे बढ़ाया और अब सीबीआई के नाम पर सीधे-सीधे मोदी सरकार से दो-दो हाथ कर रही हैं. बाकी पार्टियों से मिल रहे समर्थन के जोश में ममता ने एलान कर दिया है कि मोदी अगला चुनाव नहीं जीतेंगे.

बंगाल कांग्रेस नाखुश!

ममता के बढ़ते कद से सारे मोदी विरोधी खुश हैं, ऐसा भी नहीं है. गठबंधन में पीएम पद पर कई नेताओं की दावेदारी है, इसलिए किसी एक का नाम उछलना बाकियों को परेशान कर सकता है. बंगाल कांग्रेस में भी यही चिंता दिख रही है. इसीलिए केंद्रीय नेताओं के ममता को समर्थन के बावजूद प्रदेश के नेता सरकार भंग करने जैसे बयान दे रहे हैं.

मोदी विरोधियों को एकजुट करना बड़ी चुनौती

बीजेपी भी शुरू से ममता की गठबंधन का नेता बनने की हसरतों को धरना कांड की असल वजह बता रही है. आज केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने आरोप लगाया कि इस धरने का मकसद लुटेरों को बचाना है. ये तो तय है कि ममता की तेजी गठबंधन के बाकी साथियों को खटकेगी, लेकिन देखना ये है कि इससे पार पाकर मोदी विरोधी एकजुट हो पाएंगे या नहीं.

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