देश में 16 करोड़ लोग पीते हैं शराब, 6 करोड़ को इलाज की जरूरत

 
नई दिल्ली
 
सरकार की ओर से कराए गए एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार देशभर में 10 से 75 साल की आयु वर्ग के 14.6 प्रतिशत यानी करीब 16 करोड़ लोग शराब पीते हैं। छत्तीसगढ़, त्रिपुरा, पंजाब, अरुणाचल प्रदेश और गोवा में शराब का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। 
 
शराब के बाद भांग का सेवन सबसे ज्यादा 
सर्वेक्षण में यह भी पता चला है कि शराब के बाद देश में भांग का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। नशीले पदार्थों से बीमार होने का औसत भी कम नहीं है। शराब पर निर्भर लोगों में से 38 में से एक ने किसी न किसी बीमारी की सूचना दी, जबकि 180 में से एक ने रोगी के तौर पर या अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी दी। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स के साथ मिलकर यह सर्वे किया। 

186 जिलों में किया गया सर्वे 
यह सर्वे सभी 36 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में किया गया। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर 186 जिलों के 2 लाख 111 घरों से संपर्क किया गया और 4 लाख 73 हजार 569 लोगों से इस बारे में बातचीत की गई। पिछले 12 महीनों में लगभग 2.8 फीसदी यानी करीब 3 करोड़ 1 लाख लोगों ने भांग या अन्य चीजों का इस्तेमाल किया। 
 
हर पांच में एक शख्स पीता है शराब 
भारत में पांच में एक शख्स शराब पीता है। सर्वे के अनुसार 19% लोगों को शराब की लत है। जबकि 2.9 करोड़ लोगों की तुलना में 10-75 उम्र के 2.7% लोगों को हर रोज ज्यादा नहीं तो कम से कम एक पेग जरूर चाहिए होता है और ये शराब के लती होते हैं। 

हेरोइन और अफीम का भी इस्तेमाल 
राष्ट्रीय स्तर पर जिन अन्य नशीले पदार्थों का इस्तेमाल होता है उसमें सबसे अधिक 1.14 फीसदी लोग हेरोइन का इस्तेमाल करते हैं। इसके बाद 1 प्रतिशत से कुछ कम लोग नशीली दवाइयों का सेवन करते हैं जबकि आधा फीसदी से कुछ अधिक लोग अफीम खाते हैं। 

6 करोड़ लोगों को इलाज की जरूरत 
इस सर्वे की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि करीब 6 करोड़ लोग ऐसे भी हैं जिनकी शराब और दूसरे नशीले पदार्थों पर निर्भरता इस कदर बढ़ चुकी है कि उन्हें इलाज की जरूरत है। शराब के अलावा नशे के लिए भांग का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है और यह नशीला पदार्थ शहरी और ग्रामीण दोनों ही जगहों पर बड़ी आसानी से मिल जाता है। भांग के अलावा कोकेन और हेरोइन जैसे नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों में मूड और पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। 

6 प्रतिशत महिलाएं भी शराब पर हैं निर्भर 
इस सर्वे में पहली बार महिलाओं से जुड़े डेटा को भी शामिल किया गया था और यह डेटा बताता है जहां 27 प्रतिशत पुरुष ऐल्कॉहॉल का सेवन करते हैं वहीं शराब का सेवन करने वाली महिलाओं की संख्या करीब 2 प्रतिशत है। इतना ही नहीं करीब साढ़े 6 प्रतिशत महिलाएं ऐसी भी हैं जिनकी शराब पर निर्भरता इतनी ज्यादा है कि उन्हें इलाज की जरूरत है। 

10-10 साल के बच्चे भी करते हैं नशा 
इस सर्वे की एक और हैरान करने वाली और चौंकाने वाली बात यह है कि देश में 10 साल के बच्चे भी नशीले पदार्थों का सेवन करने वालों में शामिल हैं। सर्वे की रिपोर्ट बताती है कि देश में करीब साढ़े 4 लाख बच्चे ऐसे भी हैं जिन्हें स्प्रे पेंट, मार्कर और ग्लू जैसे inhalant और दर्द निवारक दवाइयों की लत लग चुकी है और वे नशे के तौर पर इसका इस्तेमाल करते हैं। 

नशे के लिए इन चीजों का इस्तेमाल 
2.8% यानी करीब 3 करोड़ लोग करते हैं भांग या अन्य नशा 

1.14% लोग हेरोइन का करते हैं इस्तेमाल 

1% से कम लोग नशीली दवाएं खाते हैं 

0.5% से कुछ ज्यादा खाते हैं अफीम 
 

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