देशी दुकानों पर विदेशी शराब बिकवाएगी सरकार, राजस्व बढ़ाने की आड़ में यह कवायद

भोपाल
बिना नई दुकान खोले राज्य सरकार बैकडोर से विदेशी शराब दुकानों की संख्या बढ़ाने की तैयारी में है।राजस्व बढ़ाने की आड़ में यह कवायद की जाएगी। जिन जिलों में नवीनीकरण और आॅक्शन के बाद सत्तर फीसदी से कम राजस्व मिलेगा वहां सरकार शराब समूहों का पुर्नगठन कर देशी दुकानों पर विदेशी शराब बेचने की अनुमति भी देगी।

प्रदेश की नई आबकारी नीति फिलहाल आदर्श चुनाव आचार संहिता के चलते लागू नहीं हो पाई है और आबकारी विभाग को चुनाव आयोग के निर्णय का इंतजार है। लेकिन जो नीति तय की गई है उसमें एक नया प्रावधान सरकार ने किया है। देशी शराब दुकानों के नवीनीकरण से राज्य सरकार को बीस फीसदी राजस्व मिलेगा वहीं विदेशी शराब भी उसी दुकान पर बेचने की अनुमति दिए जाने पर उससे भी बीस फीसदी राजस्व मिलेगा। 

इस तरह सरकार को एक ही दुकान से चालीस फीसदी राजस्व मिलेगा। लेकिन यह तब हो सकेगा जब सारे प्रयासों के बाद भी जिले का कुल राजस्व सत्तर फीसदी से कम रह जाए। इसमें सरकार पहले पुरानी दुकानों का नवीनीकरण बीस फीसदी वृद्धि से करेगी। जहां नवीनीकरण नहीं होगा वहां आॅक्शन किया जाएगा। इसमें न्यूनतम दर बीस फीसदी रखी जाएगी। अधिक संख्या में आवेदकों के आने पर लाटरी की जाएगी। इन दोनो प्रक्रियाओं के बाद जब जिले का कुल राजस्व सत्तर फीसदी से कम रहेगा तो यह सारी प्रक्रिया रोक कर पूरे जिले की दुकानों की नीलामी की जाएगी। इसमें समूह पुर्नगठित कर यह आॅप्शन दिया जाएगा कि देशी शराब दुकानों पर संचालक विदेशी भी बेच सकेंगे। उसके लिए उन्हें लाइसेंस फीस अलग से देना होगा।

एक अप्रैल से शराब दुकानों का आबंटन किया जाना है। समय काफी कम बचा है। फिलहाल चुनाव आयोग का नई नीति लागू करने पर जवाब आना बाकी है। इसलिए आबकारी विभाग ने ठैके नवीनीकरण की प्रारंभिक तैयारी करने कलेक्टरों पुराने ठेकेदारों से नवीनीकरण के प्रस्ताव बुलाए है। इस मामले में राज्य सरकार को 19 मार्च को हाईकोर्ट को जवाब देना है। उसके बाद ही नई नीति लागू हो पाएगी।

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