देवी को खुश करने के लिए पत्थरबाजी फेस्टिवल, 120 घायल
चंपावत
पत्थरबाजी का नाम सुनकर हमेशा हिंसा का ख्याल ही आता है लेकिन उत्तराखंड के एक मंदिर में इसके कुछ और ही मायने हैं। यहां पत्थरबाजी विरोध जताने नहीं बल्कि त्योहार मनाने के लिए की जाती है। हर साल रक्षा बंधन के त्योहार पर इस मंदिर पर बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं और पत्थरबाजी करते हैं। इस दौरान इस साल 120 लोग घायल हुए हैं।
चंपावत जिले के देईदुरा में स्थित है बरही देवी का मंदिर। देवी को खुश करने के लिए हर साल यहां 'बगवाल' पत्थरबाजी फेस्टिवल मनाया जाता है। रक्षा बंधन के दिन श्रद्धालु देवी के मंदिर में इकट्ठा होते हैं और एक-दूसरे पर पत्थर मारते हैं। बड़ी संख्या में लोग इस फेस्टिवल को देखने भी आते हैं।
पत्थरबाजी फेस्टिवल
प्रथा के मुताबिक चार सामंत-चामयाल, गढ़वाल, ओलगिया और लमगरिया दो-दो समूहों में बंट जाते हैं। मंदिर के मुख्य पुजारी के इशारे के बाद एक-दूसरे पर पत्थर मारने की रस्म की जाती है। जाहिर है कि इस दौरान बड़ी संख्या में लोग घायल होते हैं। इस साल रक्षा बंधन पर आयोजित इस फेस्टिवल में 120 लोग घायल हुए।