तीस हजार का इनामी बदमाश भीमा, 50 हजार का इनामी अजय जडेजा साथियों के साथ गिरफ्तार

ग्वालियर
6 दिसंबर को पुलिस पार्टी पर हमला कर आँखों में मिर्ची झोंककर फरार हुए 30 हजार रुपए के इनामी कुख्यात बदमाश भीमा यादव को ग्वालियर की क्राइम ब्रांच पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने उत्तरप्रदेश के कुख्यात 50 हजार के इनामी अंतर राज्यीय बदमाश अजय जड़ेजा को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस गैंग के चार अन्य साथियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए बदमाशों में देवेन्द्र यादव, अवनीश यादव, संदीप बघेल और प्रदीप यादव भी शामिल हैं।

बीते साल 6 दिसंबर को भिंड में एक मामले में पेशी के बाद लौटते समय ग्वालियर के महजपुरा थाना क्षेत्र में भोपाल की पुलिस पार्टी पर भीमा यादव ने हमला कर दिया था। भीमा को छुड़ाने आये बदमाशों ने पुलिस पार्टी की आँखों में मिर्ची पावडर झोंककर हमला किया और फरार हो गए थे। तभी से ये पुलिस के लिए सिरदर्द बने हुए थे । अजय जड़ेजा पर 50 हजार रूपए का इनाम घोषित था। आईजी ग्वालियर रेंज राजाबाबू सिंह के मुताबिक अजय के खिलाफ 31 से ज्यादा हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण के मामले दर्ज थे। अजय के मामले में खास बात ये थी कि ये अक्सर अपहरण की वारदतों को पुलिस की ड्रेस में अंजाम देता था। साथ ही अपहरण की राशि करोड़ रूपए में वसूल करता था। पुलिस ने अजय जडेजा, भीमा यादव के साथ ही गैंग के 4 सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने पकड़े बदमाशों से तीन पिस्टल, तीन कट्टें, जिंदा कारतूस और 2 कारों को बरामद किया है।

दरअसल बीती 6 दिसंबर को भोपाल पुलिस हत्या के एक मामले में पेशी के लिए भीमा यादव को ग्वालियर लेकर आई थी। उसी दौरान लक्ष्मणगढ़ पुलिया के पास भीमा के भाई देवेंद्र यादव और अन्य साथियों ने भोपाल पुलिस पार्टी की आंखों में मिर्ची झोंकर और हमला कर उसे छुड़ा लिया था। भीमा और अन्य सभी आरोपी उस समय भाग निकले थे। जाते-जाते भीमा एक पुलिसकर्मी की इनसास राइफल भी छीन ले गया गया। हालांकि बाद में पुलिस को ये राइफल मिल गई थी। लेकिन अभी भी एक बंदूक की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक इस घटना को अंजम देने वाला मास्टर माइंड अजय जड़ेजा था। उसी के कहने पर भीमा यादव को पुलिस से उसकी गैंग के लोगों ने छुड़ाया था। फिलहाल पुलिस इन बदमाशों का 5 दिन का रिमांड मांग रही है, जिससे देश के अलग-अलग हिस्सों में इनके द्वारा की गयी। हत्या, हत्या के प्रयास, अवैध वसूली सहित कई मामलों की जानकारी जुटाई जा सकें। 

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