जोया खान ने भारत की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर बनने पर जताई खुशी, कहा- मैं इसे चुनौती के तौर पर लेती हूं

वड़ोदरा
कॉमान सर्विस सेंटर (CSC) में नौकरी पाने वाली भारत की पहली ट्रांसजेंडर ऑपरेटर ज़ोया खान ने गरीबों और उसके समुदाय के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में जानने की इच्छा व्यक्ती की है। गुजरात के वडोदरा की रहने वाली जोया ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, 'मेरा प्रशिक्षण चल रहा है, लेकिन मैं गरीबों के साथ-साथ मेरे समुदाय के लोगों की मदद के लिए चलाई जा रही सरकारी योजनाओं के बारे में सीखना चाहूंगी।' केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ज़ोया खान को गुजरात में एक कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के भारत के पहले ट्रांसजेंडर ऑपरेटर के रूप में तैनाती की घोषणा की थी। सरकार के इस फैसले पर जोया ने कहा, 'मैं आभारी हूं कि मुझे अपने समुदाय में पहला व्यक्ति चुना गया। मैं इसे सकारात्मक रूप से ले रही हूं, क्योंकि मैं लोगों की जरूरत में मदद कर पाऊंगी। हालांकि, यह एक चुनौती की तरह है और मैं समर्पण के साथ काम करूंगी और खुद को साबित करूंगी।' आपको बता दें कि जोया खान ने सीएससी के साथ टेली मेडिसिन कंसल्टेंट के रूप में काम करना शुरू कर दिया है।

CISF ने ट्रांसजेंडर की तैनाती पर जवाब देने के लिए मांगा वक्त
देश के 60 से ज्यादा हवाईअड्डों और दिल्ली मेट्रो की सुरक्षा संभाल रहे अर्धसैनिक बल सीआईएसएफ ने सरकार को यह जवाब देने के लिये और वक्त मांगा है कि क्या ट्रांसजेंडर को बल के कॉम्बैट ऑफिसर के तौर पर भर्ती किया जा सकता है। अपनी तरह के इस पहले कदम में गृह मंत्रालय ने इस मुद्दे पर पांच अर्धसैनिक या केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफएस) से हाल में ‘टिप्पणी’ मांगी थी। जिससे केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को सूचित किया जा सके कि जल्द ही प्रकाशित होने वाली इस साल की सीएपीएफएस सहायक कमांडेंट की परीक्षा की अधिसूचना में ट्रांसजेंडर श्रेणी शामिल करनी है या नहीं। 

सहायक कमांडेंट पांच सीएपीएफएस

केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (सीआईएसएफ) और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) में अधिकारियों का शुरुआती पद होता है।

BSF, ITBP, SSB और CRPF तैयार
बीएसएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और सीआरपीएफ ने अपनी टिप्पणी मंत्रालय को भेजते हुए कहा कि वे ट्रांसजेंडर को अधिकारी के तौर पर स्वीकार करने के लिये तैयार हैं। इन बलों ने अपने प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों से कहा है कि वे ट्रांसजेंडर के लिये हाल में बने कानून की अपनी प्रति और कार्मिक विभाग के संबंधित दिशानिर्देश हासिल करें जिससे नये कानून को बेहतर तरीके से समझा जा सके। वहीं, सीआईएसएफ ने कहा कि उसे अपना जवाब सौंपने के लिये और समय की जरूरत है क्योंकि वह संगठन के अंदर विस्तार से मुद्दे पर चर्चा चाहता है, खासतौर पर अपने क्षेत्रीय कमांडरों के साथ। इस पूरी गतिविधि के बारे में जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि चर्चा के लिये और समय लेने का यह मतलब नहीं है कि सीआईएसएफ इस कदम के विरोध में है। समय मंत्रालय को समग्र जवाब उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मांगा गया है। 

यह भी विकल्प

गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर उन्हें इस कदम के खिलाफ सीआईएसएफ की आपत्ति ठोस और वाजिब लगेगी तो यूपीएससी की परीक्षाओं में यह व्यवस्था की जा सकती है कि ट्रांसजेंडर सीआईएसएफ को छोड़कर अन्य सीएपीएफएस में अधिकारी पद के लिये आवेदन कर सकते हैं।
 

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