जोधपुर के इस मंदिर में हर बुधवार है वैलेंटाइन डे

जोधपुर शहर के परकोटे के अंदर जूनी मंडी में गणेश जी का ऐसा मंदिर है जहां मुख्‍य त्‍योहारों के अलावा भी यहां हर बुधवार को भीड़ सी लगी हुई नजर आती है। यहां हर बुधवार शाम को मेला सा माहौल हो जाता है। यहां आने वाले शृद्धालुओं में बुर्जुगों से ज्‍यादा युवा लोग आते है। इस मंदिर को स्‍थानीय लोग इश्किया गजानन का मंदिर कहकर पुकारते है।

जैसा ही नाम से जाहिर हो रहा है कि इश्‍क करने वाले लोगों के ल‍िए भगवान गणेश जी क्‍यूपिड (प्रेमी जोड़ों को मिलाने वाले ) का रोल अदा करता है। मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने पर रिश्ता बहुत जल्दी तय हो जाता है और प्‍यार करने वालों की मुराद पूरी हो जाती है।

इसल‍िए कहते है इश्किया गजानन
यहां आने वाले अधिकतर लोग इश्किया गणेश जी से मन्नत मांगने आते हैं कि जिसे चाहते हैं उससे शादी हो जाए। इस कारण गणेश जी इश्किया गजानन के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। गणेश जी की ख्याति इसलिए भी ही है कि यहां मांगी गई प्रेम की मिन्नतें गणेश जी पूरी करते हैं। किसी समय गणेश जी का यह मंदिर गुरु गणपति के नाम से जाना जाता था।

हालांकि टेक्‍नोलॉजी के इस दौर में लोगों के ल‍िए चीजें आसान हो गई। एक टेक्‍सट या कॉल से लोग अपने दिल की बात जाह‍िर कर देते है। लेकिन संचार क्रांति से पहले लोगों के ल‍िए ये इतना आसान नहीं था। स्‍थानीय लोगों की मानें तो पहले जमाने में लोगों की सगाई की बहुत जल्‍दी फिक्‍स कर दी जाती थी। शादी से पहले प्रेमी जोड़ा पहली मुलाकात के ल‍िए इस मंदिर में आया करता था।

प्रेमी जोड़ों का लवर प्‍वाइंट
ये मंदिर ऐसे स्‍थान पर बना है कि इसके आगे खड़े लोग दूर से किसी को आसानी से नजर नहीं आते थे। इस कारण यहां प्रत्येक बुधवार को प्रेमी युगलों का जमावड़ा लगा रहता। प्रेमी युगलों के मिलन स्थल बनने के कारण इस मंदिर का नाम इश्किया गजानंद मंदिर पड़ गया। शहर के प्रेमी जोड़ों के ल‍िए ये किसी लवर प्‍वाइंट से कम नहीं था।

दर्शन करने आते है आज भी युवा भक्‍त
आज युवाओं के बीच इस मंदिर की प्रतिष्ठा कम नहीं हुई। अपना रिश्ता जल्दी तय होने की मनोकामना लिए बड़ी संख्या युवा आज भी इस मंदिर में दर्शन करने पहुंचते है।

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