जेट के लिए नई योजना

मुंबई
संकट में फंसी जेट एयरवेज के पुनर्गठन फॉर्मूले का प्रस्ताव करने के कुछ हफ्तों के अंदर ही भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में ऋणदाता अब संशोधित योजना पर काम कर रहे हैं। नई योजना के तहत जेट के संस्थापक नरेश गोयल की हिस्सेदारी मौजूदा 51 फीसदी से घटकर 20 फीसदी हो सकती है। सूत्रों का कहना है कि इस योजना को अगले दो हफ्तों में अंतिम रूप दिया जा सकता है। इससे पहले के प्रस्ताव में गोयल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी तक रखने की बात आई थी।  शेयरधारकों की मंजूरी के लिए 21 फरवरी को होने वाली असाधारण आम बैठक से पहले पूरी प्रक्रिया और निदेशक मंडल की मंजूरी ली जाएगी। एक सूत्र ने बताया कि जेट एयरवेज पर 8,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है और वह नकदी संकट से जूझ रही है। ऐसे में उसके तत्काल पुनर्गठन की जरूरत है ताकि उसे दिवालिया प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय कंपनी लॉ पंचाट में न जाना पड़े। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड एतिहाद से जुड़ी खुली पेशकश की छूट और कंपनी के शेयर के मूल्यांकन पर जल्द ही निर्णय ले सकता है।

 
एतिहाद एयरवेज के पास जेट में 24 फीसदी हिस्सेदारी है और वह संशोधित प्रारूप के मुताबिक अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 40 फीसदी कर सकती है। एक सूत्र ने कहा कि खुली पेशकश की स्थिति में एतिहाद की हिस्सेदारी 44 फीसदी तक पहुंच सकती है। दूसरी ओर गोयल की हिस्सेदारी घटकर 16 से 18 फीसदी रह सकती है, वहीं ऋणदाता  अपने कर्ज को इक्विटी में बदल सकते हैं तथा ताजा निवेश कर सकते हैं, जिससे उनके पास 30 फीसदी हिस्सेदारी हो सकती है। शेष शेयर आम शेयरधारकों के पास होंगे।
 
घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया कि हालांकि गोयल कंपनी पर अपना नियंत्रण कायम रखने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन जो परिस्थिति बन रही है, उससे उन्हें अपना नियंत्रण छोडऩा पड़ सकता है। जेट के नियंत्रण को लेकर गोयल और एतिहाद के मुख्य कार्याधिकारी टोनी डगलस का हाल ही में टकराव भी देखा गया है। एक समाचार एजेंसी की खबर के मुताबिक एतिहाद ने जेट की जांच परख के लिए विशेषज्ञ के तौर पर अल्वारेज ऐंड मार्शल को नियुक्त किया है। ऐसा समझा जाता है कि सरकार नहीं चाहती है कि जेट ठप पड़ जाए इसलिए वह तमाम घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रही है। शेयरधारकों द्वारा जिस पुनर्गठन योजना पर विचार किया जा रहा है, उसके अनुसार ऋणदाता जेट में दो से तीन साल के लिए हिस्सेदारी ले सकते हैं। इसके बाद हिस्सेदारी अन्य निवेशकों या मौजूदा शेयरधारकों को बेची जा सकती है। पुनर्गठन के तहत निदेशक मंडल के ढांचे में भी बदलाव होगा। 
 
जेट निदेशक मंडल के तीन सदस्य एतिहाद के हो सकते हैं, वहीं गोयल परिवार का केवल एक सदस्य इसमें शामिल हो सकता है। योजना के मुताबिक गोयल के बेटे निवान गोयल को बोर्ड में शामिल किया जा सकता है। ऋणदाताओं के भी दो सदस्य बोर्ड में हो सकते हैं। इसके अलावा तीन स्वतंत्र निदेशक होंगे, जिनमें से एक निदेशक मंडल का चेयरमैन बन सकता है। जेट को निदेशक मंडल द्वारा संचालित कंपनी बनाने का विचार है, ऐसे में कंपनी में नया मुख्य कार्याधिकारी और मुख्य वित्त अधिकारी सहित अन्य शीर्ष अधिकारियों की नियुक्ति हो सकती है। एक सूत्र ने बताया कि बीते कुछ महीनों में जेट ने कई कारोबारी समूहों के साथ निवेश के लिए बात की लेकिन मामला नहीं बना। टाटा समूह तथा निजी इक्विटी कंपनी टीपीजी को भी संभावित साझेदार बनाने की चर्चा थी लेकिन उन्होंने एतिहाद की तुलना में कहीं ज्यादा सख्त शर्तें रखी थीं। खबर यह भी है कि जेट रिलायंस इंडस्ट्रीज से भी संपर्क किया था लेकिन वहां भी बात नहीं बनी। 

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